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नक्सलियों की धमक तोड़ने की पूरी तैयारी, अब होगा प्रहार जोरदार

हजारीबाग उत्तरी छोटानागपुर रेंज के कई जिलों में इन दिनों नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति एक बार फिर दर्ज कराई है. चाहे हजारीबाग गिरिडीह या फिर चतरा जिला तो हर जगह घटना को अंजाम देकर उन्होंने भय का वातावरण बना दिया है. ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय इन क्षेत्रों में एक बार फिर से बड़ा अभियान चलाने के दिशा में आगे बढ़ गई है.

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नक्सलियों की धमक

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Published : Nov 17, 2020, 5:31 AM IST

हजारीबागः नक्सलियों की धमक बरकरार है. हजारीबाग उत्तरी छोटानागपुर रेंज के कई जिलों में नक्सलियों ने कई वारदात को अंजाम देकर अपनी तगड़ी उपस्थिति दर्ज कराई है. हजारीबाग, चतरा या गिरिडीह, इन सभी जिलों में दहशत कायम किया है. अब पुलिस मुख्यालय की तरफ से इन क्षेत्रों में बड़ा अभियान चलाने के दिशा में आगे बढ़ गई है.

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नक्सलियों की धमक

हाल के दिनों में नक्सलियों ने हजारीबाग, चतरा और गिरिडीह में घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. हजारीबाग में बीते दिनों विकास कार्य में लगे जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया था. जिसमें दो गाड़ी जलकर राख हो गई थी. यहां तक की मजदुर और ठेकेदारों के साथ मारपीट भी की गई थी. ऐसे में पूरा क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है. दूसरी और चतरा में भी नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में महिला को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं चतरा जिला के ही पिपरवार थाना अंतर्गत कोल साइडिंग में नक्सलियों ने फायरिंग कर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. अगर गिरिडीह की बात की जाए तो नक्सलियों ने घटना को अंजाम देकर दहशत पैदा किया था. ऐसे में अब हजारीबाग रेंज के डीआईजी का कहना है कि सीआरपीएफ और जिला बल बड़ा नक्सल विरोधी अभियान क्षेत्र में चलाने जा रही है. ताकि क्षेत्र में दहशत का माहौल और नक्सलियों के मंसूबे को तोड़ा जा सके.

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अब नक्सलियों पर होगा प्रहार

नक्सलियों को आर्थिक मदद करने की बात सामने आई है. इस बाबत एजेंसी भी जांच कर रही है. कई लोगों को एनआईए की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है. ऐसे में नक्सलियों को लेवी पहुंच रही है इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता है. हजारीबाग डीआईजी कि माना जाए तो कोल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां लेवी एक बड़ी समस्या रही है. हम लोग पूरे नेक्सेस को तोड़ने जा रहे हैं, जो लेवी के रूप में भारी रकम नक्सलियों को पहुंचा रहे हैं. ऐसे में कोशिश यही है कि नक्सलियों को कोई भी मदद ना पहुंचे तभी उनका सफाया हो सकता है.

नक्सली विकास विरोधी है. जहां एक ओर सरकार आत्मसमर्पण नीति बनाई है जिसका फायदा नक्सलियों को उठाने की अपील की जा रही है ताकि उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जा सके. अगर नक्सली मुख्यधारा में नहीं छोड़ते हैं तो इसका परिणाम भी बुरा होगा.

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