हजारीबाग: ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों महिलाएं जागरूक हो रही हैं. टाटीझरिया प्रखंड के सुदूरवर्ती डूमर गांव की रहने वाली पूनम देवी ने पैड बैंक की शुरुआत की है. पूनम ने अपनी कार्यशैली से महिलाओं को जागरुक बनाने का काम किया है. गांव की महिलाएं और युवतियां कभी भी पहुंचकर इस सेवा का लाभ लेती हैं. महिलाएं कहती हैं कि वो पैड बेहद कम मुनाफे पर बेचती हैं, साथ में गांव की महिलाओं को जागरूक भी करती हैं कि महावारी के समय इसका उपयोग करें ताकि आप बीमारी से मुक्त रहें.
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महिलाओं को जागरुक करने की पहल
पूनम देवी कहती हैं कि मासिक धर्म की बात लड़कियां अकसर छुपाती हैं और गलत अवधारणा के कारण बीमार पड़ती हैं. ऐसे में हमने सोचा कि गांव की महिलाओं को इस बाबत जागरूक किया जाए और उन्हें पैड के विषय में जानकारी दी जाए.
शुरुआती दौर में तो मुझे बेहद परेशानी हुई. लोग इस विषय पर बात करना भी पसंद नहीं करते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आई और लोगों ने हमारी बात को समझा. अब गांव में पैड बैंक चर्चा का विषय भी बना हुआ है. गांव की महिलाएं आती हैं और हमारे बैंक का ग्राहक बनती हैं, जिससे गांव की महिलाओं को लाभ भी हो रहा है.
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