हजारीबागः जिले में केरोसिन तेल विस्फोट मामले को लेकर हजारीबाग में राजनेताओं के आने-जाने का दौर देखने को मिल रहा है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार और उनके परिजनों से मुलाकात की.
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वहीं अस्पताल में जाकर इलाजरत मरीजों से भी जानकारी ली .झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात किया और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है. उन्हें आपदा फंड से राहत देने का कार्य किया जाएगा. इस बाबत कैबिनेट में भी चर्चा की जाएगी.
केरोसिन तेल विस्फोट मामले को लेकर राजनीतिक घरानों में हलचल तेज हो गई है. जहां विपक्ष हजारीबाग में सरकार को घेरने का काम किया है और आरोप लगाया है कि सरकार इस पूरे प्रकरण में निष्क्रिय है. प्रशासन किसी भी तरह की राहत पीड़ित परिवार को नहीं दिया है.
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इस बाबत बाबूलाल मरांडी ने घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और अस्पताल में मरीजों से भी उनकी सुध ली. इस दौरान उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए, जो पीड़ित हैं उन्हें मुआवजा देना चाहिए. साथ ही साथ जिन्होंने गलती किया है उस पर कार्रवाई भी होनी चाहिए.
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उन्होंने सरकार पर उदासीनता का भी आरोप लगाया. सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख हजारीबाग के एक कार्यक्रम में पहुंचे और जिसके बाद वह भी चुटियारो और अमनारी पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.
इतना ही नहीं उन्होंने पीड़ित परिवार को कुछ राशि देकर थोड़ी राहत पहुंचाने का भी काम किया. साथ-साथ पीड़ित परिवार को उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार के पास कई ऐसी फंड होते हैं जिससे तुरंत राहत पहुंचायी जा सकती है.
उसी फंड से इन पीड़ित परिवार को राहत पहुंचायी जाएगी. उन्होंने पीड़ित परिवार के घर से ही राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से भी बात की और उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन तक पहुंचाई.
बादल पत्र ने जानकारी दी कि इस पूरे मामले को कल कैबिनेट में रखा जाएगा और हरसंभव सहायता पीड़ित परिवार को दी जाएगी.
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सरकार खुद इन के द्वार पर आई है. वहीं उन्होंने विपक्ष पर निशाना भी साधा और कहा कि ऐसे घटनाक्रम पर कभी भी राजनीति नहीं होनी चाहिए. जख्म पर नमक नहीं बल्कि मरहम लगाने की कोशिश करनी चाहिए.
यह मामला प्रेस कॉन्फ्रेंस का नहीं है बल्कि मानवता से जुड़ा हुआ है. विपक्ष को इस मामले पर सरकार सुझाव भी देने का भी अधिकार है.
आरोप-प्रत्यारोप के बीच पीड़ित परिवार को सरकार से उम्मीद लगाई है कि उन्हें मदद मिलेगी, जो परिवार के लोग झुलस गए हैं उनका सही इलाज हो पाएगा और जो इस दुनिया से रुखसत हो गए हैं उनके परिजनों को सरकारी लाभ मिल पाएगा. अब यह देखने वाली बात होगी सरकार का यह दावा कितना कारगर साबित होता है.