हजारीबागः जिले के बड़कागांव और केरेडारी क्षेत्र में नक्सलियों की धमक हमेशा दिखती रहती है. ऐसे में पुलिस क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन भी चलाती है. कई उग्रवादी भी ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार हुए हैं. अब हजारीबाग पुलिस व्यवसायियों और आम जनता से अपील कर रही है कि वह बहकावे में न आए और न ही लेवी दें.
हजारीबाग को नक्सल फ्री बनाने में जुटी है पुलिस, लोगों से बहकावे नहीं आने की कर रही अपील - हजारीबाग को नक्सल फ्री बनाने की पुलिस की कोशिश
हजारीबाग को नक्सल फ्री बनाने में पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. पुलिस की यह कोशिश कारगर भी हो रही है. पुलिस व्यवसायियों और लोगों से अपील कर रही है कि वो नक्सलियों के बहकावे में न आएं. अगर किसी प्रकार की धमकी मिलती है तो पुलिस को बताएं, पुलिस उनकी मदद करेगी.
जिस क्षेत्र में कोयला का उत्पादन होता है वहां आपराधिक गिरोह भी सक्रिय हो जाते हैं. हजारीबाग कभी नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता था. बड़कागांव का इलाका नक्सलियों के गढ़ के रूप में भी देखा गया है. कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों को क्षेत्र से खदेड़ दिया गया. वहीं कई नक्सली गिरफ्तार भी हुए तो कई ने आत्मसमर्पण भी किया है. लेकिन कोल माइंस खुलने के बाद एक बार फिर माओवादी और उग्रवादी अपनी धमक क्षेत्र में बना रहे हैं .ऐसे में इन लोगों के खिलाफ ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है. हजारीबाग के एएसपी अभियान का कहना है कि हम लोगों ने माओवादी और पीएलएफआई की कमर तोड़ दी है. इसके बावजूद अभी भी क्षेत्र में कभी कभार इनकी धमक दिखती है. ऐसे में क्षेत्र को नक्सल फ्री करने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं.
नक्सली आर्थिक रूप से सहायता मिलने के कारण ही पनप रहे हैं. ऐसे में इन्हें आर्थिक रूप से तोड़ना सबसे महत्वपूर्ण है. कई व्यवसायी रडार में भी हैं. अब हजारीबाग पुलिस व्यवसायियों से अपील कर रही है कि अगर कोई उन्हें धमकी देता है या फिर लेवी की मांग करता है तो इसकी सूचना पुलिस को दें. पुलिस भी कार्रवाई करेगी और सूचना देने वालों का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा.
नक्सली समस्या समाज के लिए कोढ़ है. जहां एक और प्रशासन अपना दायित्व पूरा कर रहा है तो दूसरी ओर अब आम जनता को भी सजग रहना होगा. तभी हम इस समस्या से दूर हो सकते हैं. जरूरत है पुलिस के अपील को सार्थक बनाने की.