हजारीबागः जिले का चौपारण अफीम की खेती के लिए बदनाम है. आलम यह है कि अब माफिया बड़े भू-भाग पर अफीम की खेती कर रहे हैं. विभाग को जानकारी मिली है कि गौतम बुद्ध वन प्राणी आश्रयणी के इलाके में अफीम की खेती हो रही है. खबर की पुष्टि करने के बाद जानकारी मिली कि कबिलास और मूर्तिकला जंगल में अफीम की खेती 12 एकड़ भूमि पर की जा रही है. इस खबर पर ट्रैक्टर से 12 एकड़ की खेती को नष्ट किया गया है.
कबिलास और मूर्तिया कला के जंगल में की गई थी अफीम की खेतीःइस संबंध में वनपाल अयूब अंसारी ने बताया कि चौपारण थाना के सहयोग से अभियान चला कर कबिलास और मूर्तिया कला के जंगल में 12 एकड़ वन भूमि में लगी अफीम की फसल को ट्रैक्टर के माध्यम से नष्ट किया गया है. वनपाल ने बताया कि चौपारण थाना का पूर्ण सहयोग मिला तो सेंचुरी एरिया में हजारों एकड़ अफीम की फसल को नष्ट करने का प्रयास किया जाएगा.
अफीम की खेती करने के आरोप में अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्जःइस मामले में वन विभाग ने अज्ञात लोगों पर चौपारण थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है और छानबीन कर रही है. वन विभाग और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि किन लोगों के सहयोग से 12 एकड़ जमीन पर अफीम की खेती की जा रही है. दरअसल, नशे के सौदागर जंगल और सरकारी जमीन पर किसानों को प्रलोभन देकर अफीम की खेती करवाते हैं. सुदूरवर्ती इलाकों में खेती कराई जाती है, ताकि इसकी जानकारी वन विभाग और पुलिस को ना हो. पिछले एक साल में इस इलाके में कई बार पुलिस और वन विभाग में भारी मात्रा में अफीम की खेती नष्ट की है.