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हजारीबागः फाइलेरिया से बचाव पर एक दिवसीय प्रशिक्षण, रोगियों को मिला किट - हजारीबाग में फाइलेरिया रोगियों के बीच किट बांटी

हजारीबाग जिले में फाइलेरिया को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीणों और रोगियों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं. इसी क्रम में पंचायत भवन में शुक्रवार को एक दिवसीय फाइलेरिया प्रशिक्षण संपन्न हुआ.

हजारीबाग में एक दिवसीय फाइलेरिया प्रशिक्षण आयोजित
One day filaria training held in Hazaribag

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Published : Jul 24, 2020, 9:54 PM IST

हजारीबाग: जिले के विजैया में हाथी पांव के कदम को रोकने के लिए बरही अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीणों और रोगियों के बीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. साथ ही रोगियों को फाइलेरिया किट भी प्रदान की जा रही है. इसी कड़ी में बरही प्रखंड के विजैया पंचायत भवन में शुक्रवार को एक दिवसीय फाइलेरिया प्रशिक्षण संपन्न हुआ.

One day filaria training held in Hazaribag

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला परिषद सदस्य मुनेजा खातून, प्रतिनिधि मो. कैयुम अंसारी, मुखिया दशरथ यादव, पंचायत समिति सदस्य कांति देवी समेत कई अतिथियों ने किया. इसमें करीब 30 लोगों ने भाग लिया. इस मौके पर खुर्दजबाड़ की सहिया शारदा देवी, बेला की पूनम देवी, रिंकी देवी, सहिया साथी मीना देवी, एएनएम संजू रानी, मलेरिया सुपरवाइजर मो. इरशाद, कुलदीप कुमार, अंकित कुमार ने लोगों को फाइलेरिया रोग की जानकारी दी. उन्होंने इसके रोकथाम, बचाव से संबंधित लोगों को जागरूक करते हुए प्रशिक्षण दिया.

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कार्यक्रम के तहत बताया गया कि आगामी 10 अगस्त को घर-घर जाकर फाइलेरिया दवा खिलानी है. इस मौके पर सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया. इस अवसर पर उपस्थित मुखिया दशरथ यादव, जिप प्रतिनिधि मो. कैय्यूम समेत कई अतिथियों के हाथों से फाइलेरिया रोगियों के बीच किट का भी वितरण करवाया गया. मो. कैय्यूम ने कहा कि हाथी पांव के कदम को रोकना अत्यंत जरूरी है. कार्यक्रम में विद्या देवी, शोभा देवी, मालती देवी, गीता देवी, अनीता देवी, श्वेता कुमारी, उषा देवी, सरिता देवी, आशा देवी ने भी अपना विचार देते हुए लोगों को जागरूक किया.

क्या है फाइलेरिया बीमारी

फाइलेरिया रोग, जिसे हाथी पांव या फील पांव भी कहते हैं, जिसमें अक्सर हाथों या पैरों बहुत ज्यादा सूजन हो जाती है. इसके अलावा फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के कभी हाथ-पांव के अलावा अन्य अंगों में भी सूजन आ सकता है. आम बोलचाल की भाषा में हाथी पांव भी कहा जाता है. एलीफेंटिटिस यानि श्लीपद ज्वर एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है. इस बीमारी से मरीज के पैर हाथी के पैरों की तरह फूल जाते हैं. इस रोग के होने से ना केवल शारीरिक विकलांगता हो सकती है बल्कि मरीजों की मानसिक स्थिति भी बिगड़ सकती है. एलीफेंटिटिस को लसिका फाइलेरिया भी कहा जाता है क्योंकि फाइलेरिया शरीर की लसिका प्रणाली को प्रभावित करता है. यह रोग मनुष्यों के हाथ-पैर के साथ ही जननांगों को भी प्रभावित करता है.

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