झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

महंगी फीस के बावजूद संत कोलंबस कॉलेज में सुविधा से वंचित बीएड के छात्र, प्रति कुलपति ने प्रबंधन से की बात - Jharkhand Latest News in Hindi

हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में महंगी फीस के बावजूद बीएड के छात्रों को सुविधा नहीं मिल रही है. छात्रों की परेशानी को देखते हुए यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति ने कॉलेज प्रबंधन से मुलाकात की है.

Hazaribag St. Columbus College
Hazaribag St. Columbus College

By

Published : Apr 2, 2022, 2:15 PM IST

हजारीबाग: जिला के प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज (Hazaribag St. Columbus College) में महंगी फीस के बावजूद बीएड के छात्रों को सुविधा नहीं मिल रही है. कोर्स के लिए 90 हजार भुगतान के बाद भी बीएड के छात्रों के पास क्लासरूम तक नहीं है. प्रत्येक साल यहां 100 छात्रों का एडमिशन लिया जाता है. लेकिन छात्रों के प्रोजेक्ट को रखने के भी लिए जगह मुहैया नहीं कराया गया है. बीएड छात्रों की समस्या को देखते हुए विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति ने संत कोलंबस कॉलेज के प्रबंधन से बात की है.



इसे भी पढ़ें:हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में बीएड कोर्स का हाल बेहाल, शौचालय में फेंकी है प्रोजेक्ट रिपोर्ट

छात्रों के लिए क्लास रूम नहीं: हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में छात्रों को शत-प्रतिशत अपना खर्च उठाना पड़ता है. 90 हजार रुपया प्रति छात्र से शुल्क लिए जाते हैं, जिसमें 20 फीसदी राशि विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर रख लेती है. इंफ्रास्ट्रक्चर का पैसा लेने के बावजूद भी छात्रों के पास बैठने के लिए क्लास रूम नहीं है. ऐसे में कभी इतिहास, भूगोल कभी विज्ञान संकाय के कक्षाओं मे बीएड के छात्रों को पढ़ना पड़ता है. 2016 में करोड़ों रुपए की लागत से बीएड के लिए अलग भवन बनाया गया. लेकिन हैंड ओवर नहीं होने के कारण उसमें छात्र नहीं पढ़ पा रहे हैं. क्लासरूम और लैब नहीं होने के कारण उनका प्रोजेक्ट वर्क भी शौचालय में पड़ा हुआ है.

देखें पूरी खबर

खबर दिखाने के बाद सक्रिय हुआ विश्वविद्यालय:ईटीवी भारत में इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति अजीत सिंह इस बात की जानकारी लेने संत कोलंबस कॉलेज पहुंचे. वहां उन्होंने घंटों बैठक करने के बाद फैसला लिया कि नए भवन की चाबी ली जाएगी. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर छात्रों को पढ़ाने के लिए व्यापक इंतजाम किया जाएगा. साथ ही साथ लैब समेत अन्य सुविधा भी होगी. वर्तमान में लगभग 200 बच्चे एक साथ एक ही जगह पढ़ाई करते हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई भी ठीक तरीके से नहीं हो पा रही है. बीएड की पढ़ाई करने वाली छात्राएं भी कहती है कि हम लोगों के पास ना क्लासरूम है ना लैब और ना ही शौचालय. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हमसे 90 हजार रुपए फीस ली है, लेकिन पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. छात्रों का कहना है कि यहां के शिक्षक अच्छे हैं, लेकिन शिक्षक के पास अगर पढ़ाने के लिए कमरा नहीं है तो इसके लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन दोषी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details