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हजारीबाग में आग से सुरक्षा का सच, बिना फायर एनओसी के बने बड़े अपार्टमेंट और कई सरकारी ऑफिस - हजारीबाग अग्निशमन विभाग

हजारीबाग में बड़े-बड़े अपार्टमेंट में रहने वाले, बड़े दफ्तरों में काम करने वाले मौत के साये में रह रहे हैं. अहम बात यह है कि अपने ऊपर मंडरा रहे खतरे के बारे में शायद ही वो जानते हो. यह बात सामने आई है हजारीबाग अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी की दी गई जानकारी के बाद कि शहर में किसी भी अपार्टमेंट ने एनओसी नहीं ली है.

no apartment in hazaribag has noc of fire department
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Published : May 6, 2022, 2:20 PM IST

Updated : May 6, 2022, 2:35 PM IST

हजारीबागः पूरे राज्य भर में कुछ दिन पहले अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया गया. जिसमें आम लोगों को जागरूक भी किया गया कि अगर आगजनी होती है तो क्या करें. अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने पेट्रोल पंप से लेकर स्कूल में जाकर अग्निशमन सप्ताह के दौरान कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें बताया गया कि आग पर काबू कैसे पाया जाए. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगी हजारीबाग के कई सरकारी कार्यालय, होटल और बड़े-बड़े अपार्टमेंट ने फायर ब्रिगेड से एनओसी नहीं ली है. पूरे जिले में एक भी ऐसा अपार्टमेंट नहीं है जिसके पास एनओसी हो.


हजारीबाग में बड़े-बड़े अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के लिए यह बुरी खबर है कि जिस अपार्टमेंट में वे रहते हैं, उसके मालिक ने फायर ब्रिगेड से एनओसी प्राप्त नहीं की है. जिले में एक भी ऐसा अपार्टमेंट नहीं है जिसके पास एनओसी हो. इस बात की जानकारी स्वयं अग्निशमन प्रभारी उत्तम कुमार ने दी है. यह चिंता का विषय है कि आखिर बिना एनओसी लिए ही कैसे बड़े-बड़े अपार्टमेंट बनकर तैयार हो गए. अपार्टमेंट में सैकड़ों लोग आज के समय में रह रहे हैं. लाखों रुपया पेमेंट करके कई लोगों ने अपार्टमेंट की रजिस्ट्री भी कराई है. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि अपार्टमेंट के मालिकों ने क्या धोखा देकर रजिस्ट्री करवाई है. हजारीबाग अग्निशमन प्रभारी उत्तम कुमार 2017 से हजारीबाग में सेवा दे रहे हैं. उनके कार्यकाल में एक भी अपार्टमेंट ने एनओसी प्राप्त नहीं किया है. जबकि इन 5 सालों में सैकड़ों न अपार्टमेंट बनकर तैयार हो गए.

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गर्मी के दिनों में आगजनी की शिकायत भी बढ़ी है. हजारीबाग अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर किसी अपार्टमेंट में आग लग गई तो फिर लोगों को बचाना बहुत ही मुश्किल होगा. उनका कहना है कि पतले पतले सकरी गली में भी अपार्टमेंट बना दिए गए हैं जो नियम के विरुद्ध है. एनओसी लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होता है और फिर एक प्रक्रिया के तहत अपार्टमेंट को एनओसी दी जाती है. मुख्य बात यह रहती है कि अग्निशमन विभाग की गाड़ी अपार्टमेंट तक पहुंच जाए और अपार्टमेंट का चक्कर लगाकर बाहर निकल जाए. लेकिन हजारीबाग में कोई ऐसा अपार्टमेंट नहीं है जहां इस तरह की व्यवस्था हो.यही नहीं शहर के कई सरकारी कार्यालयों ने भी फायर ब्रिगेड से एनओसी नहीं ली है. सदर अस्पताल और राजकीय बीएड कॉलेज हजारीबाग को छोड़ दिया जाए तो किसी के पास भी एनओसी नहीं है. समाहरणालय के नये भवन जहां उपायुक्त समेत कई बड़े पदाधिकारियों का कार्यालय है उस कार्यालय को भी एनओसी प्राप्त नहीं है. लापरवाही का आलम यह है कि शहर के कई बड़े स्कूल, प्रतिष्ठान, मॉल, होटल आदि भी बिना एनओसी के चल रहे हैं. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में फायर ब्रिगेड का सिस्टम तो है पर एनओसी प्राप्त नहीं है. वही हजारीबाग आरोग्य हॉस्पिटल और डेंटल कॉलेज डेमोटांड़, समेत कुछ अस्पताल के पास एनओसी है. शेष नर्सिंग होम भगवान भरोसे ही चल रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग महापौर भी बताती हैं कि इसके पीछे कमीशन का बड़ा खेल है. कमीशन को लेकर कार्यालय के कर्मी अपार्टमेंट बनाने में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में मैं लिखित शिकायत सरकार को इस बाबत करने जा रही हूं.जिस तरह से सरकारी भवन, अपार्टमेंट,अस्पताल, होटल, मॉल बिना फायर ब्रिगेड के एनओसी के तैयार हो गए हैं यह चिंता का विषय है. भविष्य में अगर आगजनी हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है. जिसमें आम लोगों की जान भी जा सकती है. जरूरत है समय रहते जिला प्रशासन को सचेत होने की.
Last Updated : May 6, 2022, 2:35 PM IST

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