हजारीबागः जिला में पिछले कई वर्षों के मुकाबले में इस वर्ष भीषण गर्मी पड़ रही है. मई के महीने में तापमान 42 डिग्री के आसपास रह रहा है तो अप्रैल में भी आसमान से आग बरसता दिखा है. हजारीबाग शहरी क्षेत्र में पानी की किल्लत ना हो इसे देखते हुए विभिन्न जगहों पर डीप बोरिंग कराए गए. लेकिन अब लोगों को पानी के लिए भटकना भी पड़ रहा है, क्योंकि नगर निगम क्षेत्र में 28 बोरिंग में आधे से अधिक डीप बोरिंग खराब पड़े हुए हैं. मेयर ने पदाधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि कमीशन के कारण बोरिंग नहीं बन पाए, जिससे आम जनता को लाभ नहीं मिल पाया.
शहर में कई डीप बोरिंग हैं खराब, मेयर का आरोप- जहां से कमीशन मिलता है पदाधिकारी वहीं से टेंडर करते हैं
हजारीबाग में मई के महीने में तापमान 42 डिग्री के करीब रहा. इसको लेकर पानी की कमी को दूर करने के लिए हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में 28 डीप बोरिंग कराए गए. लेकिन नगर निगम की लापरवाही से आधे से अधिक डीप बोरिंग खराब है. इसको लेकर मेयर ने निगम पदाधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है.
हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में कई इलाकों में डीप बोरिंग किया गया था. साथ ही साथ वहां टंकी भी बनाई गयी थी ताकि पेयजल की समस्या ना हो. वैसी जगहों बोरिंग कराए गए थे जहां गरीब लोग रहते हैं. निगम क्षेत्र में विभिन्न मोहल्लों में 28 डीप बोरिंग कराया गया था. जिससे मोहल्ले के लोगों को पानी मिला करता था. डीप बोरिंग के चारों तरफ नल लगे रहते थे. जिससे एक साथ कई लोग जरूरत के अनुसार पानी ले सकते थे. लेकिन इन दिनों आधे से अधिक बोरिंग खराब पड़े हैं. पानी के लिए हाय तौबा मचाने पर यह बात सामने आई कि 28 में 14 डीप बोरिंग बंद पड़े हैं. जिनमें दो डीप बोरिंग तो मिट्टी भर जाने से स्थायी रूप से खराब हो चुके हैं. वहीं विभिन्न बोरिंग अलग-अलग कारणों के कारण उपयोग में नहीं आ रहे हैं.
निगम क्षेत्र में पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए दो टीम बनाई गयी. इन दो टीमों द्वारा हर दिन 8 चापाकल मरम्मत की जाती रही है. जबकि चापाकल खराब होने की हर दिन शिकायत बढ़ती जा रही है. भूमिगत जल स्तर में हर वर्ष गिरावट हो रही है. लेकिन हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में भूजल को संजोने की व्यवस्था नहीं है. शहरी क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था के नोडल अधिकारी का कहना है कि नगर निगम के पास भूजल स्तर नापने की कोई मैकेनिज्म नहीं है. इसको लेकर हजारीबाग नगर निगम की मेयर बताती है कि हम लोग कोशिश कर रहे हैं जल्द से जल्द डीप बोरिंग दुरुस्त करने की ताकि पेयजल की समस्या ना हो.
आधे से अधिक समय गर्मी का समाप्त हो चुका है, जून महीने में मानसून भी आ जाती है. इसके बावजूद बोरिंग दुरुस्त ना हो तो यह साफ तौर से लापरवाही कही जा सकती है. इस पर हजारीबाग मेयर मे अपने पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि वह कमीशनखोरी के कारण समय पर काम नहीं करते हैं. कमीशन जहां अधिक मिलता है वहीं काम करना चाहते हैं. इस कारण आम जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है.
डीप बोरिंग जो खराब एवं बंद पड़े हैं, उनमें पुलिस लाइन, न्यू एरिया, ओकनी, बड़ा अखाड़ा, खजांची तालाब, सेठ मोहल्ला, सुभाष मार्ग, गाड़ी खाना, माल्हा टोली, नमस्कार चौक, हुर्रुरू, फॉरेस्ट कॉलोनी, एसपी कोठी के निकट और पतरातू चौक शामिल है. हजारीबाग मेयर का आरोप काफी गंभीर है कि बोर्ड मीटिंग के आदेश को भी पदाधिकारी और कर्मचारी काम धरातल पर नहीं उतार रहे हैं. ऐसे में आम जनता का क्या होगा जो सेवा कर के रूप में बड़ी रकम निगम को देते हैं.