हजारीबागः शहर के बड़ा झील में 11 मार्च को डूबा युवक का शव निकालने के लिए पहुंचा एनडीआरएफ की टीम को बैरंग लौटना पड़ा. 12 मार्च को NDRF की टीम हजारीबाग पहुंची थी, उसके बाद ऑपरेशन चलाया जा रहा था, 72 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन शव झील से निकाला नहीं जा सका. ऐसे में अब मृतक के परिजन झील की ओर टकटकी निगाह लगाकर बैठे हैं.
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हजारीबाग बड़ा झील के किनारे महिलाएं अपने परिवार के युवक को अंतिम बार देखने की लालसा में झील की ओर टकटकी निगाह से देख रही है. 11 मार्च को दिलीप मलिक बड़ा झील में डूब गया था. उसे डूबते हुए परिजनों ने अपनी आंखों से देखा था. 11 मार्च से लगातार शव निकालने के लिए ऑपरेशन भी चलाया गया, पर सफलता नहीं मिली. एनडीआरएफ की टीम 12 मार्च को हजारीबाग पहुंची थी और 12 मार्च से ऑपरेशन चलाया जा रहा था.
72 घंटा से अधिक बीत जाने के बाद टीम खाली हाथ लौट गई, ऐसे में पूरा परिवार काफी परेशान है. अपने परिवार के सदस्य को अंतिम बार देखने की लालसा में झील की ओर टकटकी निगाह लगाए हुए हैं. मृतक की पत्नी कहती हैं कि हम लोग क्या करे समझ में नहीं आ रहा है, जहां मेरे पति का शव नहीं निकला है तो दूसरी ओर मेरे दो दो बच्चे हैं. उनका लालन-पालन कैसे होगा यह सबसे बड़ी चुनौती मेरे सामने है. उन्होंने यह भी कहा कि रांची से आई टीम ने बहुत कोशिश किया, झील में बहुत दलदल होने के कारण वो शव नहीं निकल पाए और वापस लौट गए. परिजनों ने कहा कि हम लोगों को यही उम्मीद है कि अगर शव मिल जाता तो हम लोग अपने घर के युवक का अंतिम संस्कार कर पाते.
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कैसे हुआ था हादसा
दिलीप मलिक 11 मार्च को झील के किनारे नहा रहा था और इसी बीच वह तैरने के लिए झील पर उतर गए और फिर वापस नहीं लौटा. जिसके बाद इसकी सूचना जिला प्रशासन को दिया गया. जिला प्रशासन ने रांची एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी. एनडीआरएफ की टीम हजारीबाग पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था.