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हजारीबाग: त्रिवेणी सैनिक के AGM की हत्या का खुलासा, इस मामले को लेकर रचा गया था षडयंत्र

त्रिवेणी सैनिक कंपनी के एजीएम गोपाल सिंह की हत्या के 21 दिन बाद ही पुलिस ने मामले से पर्दा उठा दिया है, साथ ही इस मामले में मोहम्मद मुजम्मिल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.

त्रिवेणी सैनिक के AGM की हत्या का खुलासा
Triveni soldier's murder of AGM revealed

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Published : Dec 25, 2019, 10:09 PM IST

हजारीबाग: जिला पुलिस ने त्रिवेणी सैनिक के एजीएम गोपाल सिंह की हत्या का खुलासा किया है, जिसमें पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित घटना में इस्तेमाल किए गए हथियार को भी बरामद कर लिया है.

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रंगदारी बसुलने का काम
हजारीबाग सदर थाना क्षेत्र के जूलू पार्क में 4 दिसंबर को हुई त्रिवेणी सैनिक कंपनी के एजीएम गोपाल सिंह की हत्या के 21 दिन बाद पुलिस ने मामले से पर्दा उठाते हुए एक युवक मोहम्मद मुजम्मिल को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी रांची का रहने वाला है. वह हजारीबाग के केरेडारी थाना क्षेत्र के कंडाबेर स्थित अपने ननिहाल में रहकर रंगदारी बसुलने का काम करता था और टीपीसी नक्सली संगठन के कमांडर कोहराम गंजू के लिए भी काम करता था.

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बड़ी रकम की चाहत
सदर डीएसपी कमल किशोर ने बताया की एजीएम गोपाल सिंह की हत्या का मुख्य कारण रंगदारी और अपराधियों का साथ देने से मना करना है. पुलिस ने इस घटना को काफी नाटकीय ढंग से उद्भेदन किया है. इस घटना में जिले के ही कटकमदाग गांव के मुखिया उदय साव की संलिप्तता बताई गई है. दरअसल आरोपी मुजम्मिल त्रिवेणी सैनिक कंपनी की ओर से गांव के कमिटी को मिलने वाली राशि मे अपना एक बड़ा हिस्सा चाहता था, लेकिन उस गांव का निवासी नहीं होने के कारण कुछ पैसे तो जरूर मिलते थे, लेकिन वह बड़ी रकम चाहता था.

रास्ते से साफ करने का निर्णय
बाद में विरोध करने पर जो पैसा मिलता था वह भी बंद हो गया, जिससे गोपाल सिंह के प्रति मुजम्मिल का बैर हो गया. इसी क्रम में कटकमदाग का मुखिया एक मामले में जेल गया तो वहां कोहराम गंजू से उसकी मुलाकात हुई और एक घटना को मैनेज करने के लिए मोहम्मद जमील मुजम्मिल से मिलने को कहा था. मुखिया उदय कटकमदाग के रेलवे साइडिंग के ट्रांसपोर्टिंग का काम लेना चाहता था, लेकिन उसको गोपाल सिंह नहीं दिए और दोनों मिलकर उसे रास्ते से साफ करने का निर्णय किया.

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मुखिया समेत कई लोगों की गिरफ्तारी बाकी
उनलगों ने बिहार के पटना के धनरूआ के एक अपराधी से संपर्क किया और उसे अपने क्षेत्र में शरण दिया. घटना के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए फेंके गए हथियार पर पीएलएफआई भी लिखा था, ताकि पुलिस इस घटना को नक्सल घटना समझ कर अनुसंधान करें, लेकिन पुलिस ने अपने एसआईटी टीम और आईटी सेल के माध्यम से मुजम्मिल को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, इस घटना में मुखिया उदय समेत कई और लोगों की गिरफ्तारी बाकी है. उदय शाव की गिरफ्तारी के बाद और भी कई बातें खुलकर सामने आ सकती है.

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