हजारीबागः पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद इनके संचालन का अधिकार झारखंड सरकार ने अधिकारियों को न देकर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को ही दे रखा है. पंचायत चुनाव होने तक पंचायत जनप्रतिनिधियों को सारे अधिकार दिए गए है. हालांकि राज्य सरकार ने कार्यसमिति का गठन करने का निर्णय लिया है. विघटन की तिथि से ही मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, प्रधान कार्यकारी समिति के पद नाम के साथ पद संभालेंगे. समिति गठन हो जाने के बाद भी हजारीबाग के मुखिया इससे संतुष्ट नहीं है.
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मुखिया हो रहे परेशान
मुखिया का कहना है कि अभी तक हम लोगों को इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. समिति का गठन तो हो गया है लेकिन समिति कैसे काम करें इसके बारे में जानकारी नहीं है, जिसके कारण समस्या भी उत्पन्न हो रही है, जो काम मुखिया गांव में किया करते थे, वह नहीं हो पा रहा है. जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं.
इसके साथ ही मुखिया का कहना है कि सबसे अधिक परेशानी छात्रों को हो रही है, छात्र अपने सर्टिफिकेट के सत्यापन कराने के लिए हम लोगों के पास आते थे, लेकिन अब हम लोग सत्यापन में मुखिया नहीं लिख सकते हैं. इसके कारण उन्हें अब प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे परेशानी हो रही है. इसके साथ ही साथ विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द चुनाव करके इसे दुरुस्त करने की जरूरत है, तभी गांव का विकास संभव हो पाएगा.