हजारीबागः रामनवमी जुलूस का राजनीतिक महत्व भी है. कोई भी राजनेता रामनवमी जुलूस को लेकर ऐसा बयान देना नहीं चाहता है, जो जी का जंजाल बन जाए. सांसद जयंत सिन्हा ने पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिए सरकार की गाइडलाइन का स्वागत किया था. लेकिन 5 दिनों के बाद ही सांसद ने यू टर्न ले लिया और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सरकार के बनाए नियम को तर्कहीन बताया है.
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सांसद जयंत सिन्हा ने राज्य सरकार के आदेश को तर्कहीन कहा है. दरअसल, राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार जुलूस शाम 6:00 बजे तक समाप्त करना है. जुलूस में 100 लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है. वहीं, किसी भी तरह की रिकॉर्डेड म्यूजिक बजाने की इजाजत नहीं दी गई है. इन प्रावधानों से नाराज जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा राम भक्तों की श्रद्धा का सम्मान ना करते हुए शोभायात्रा व जुलूस को लेकर बनाए गए नियम तर्कहीन है. राज्य सरकार को त्वरित तर्कसंगत दिशा निर्देश जारी करना चाहिए. अब देखना यह होगा कि सरकार के ऊपर राजनेता से लेकर आम लोगों का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस स्थिति में सरकार नया आदेश जारी करती है या नहीं.
बता दें कि रामनवमी जुलूस को लेकर बीजेपी के सांसद और विधायक के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे. सांसद ने जहां रामनवमी जुलूस के आयोजन को लेकर झारखंड सरकार के फैसले को लेकर खुशी व्यक्त की थी. वहीं विधायक इसकी आलोचना करते नजर आ रहे थे. हजारीबाग में रामनवमी जुलूस निकालने के आदेश के साथ कुछ सख्त नियम भी लागू किए गए हैं. इससे विधायक मनीष जायसवाल नाराज थे तो जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर सरकार के आदेश का स्वागत किया था. हालांकि, अब जयंत सिन्हा भी यू टर्न ले लिया है.