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हजारीबागः विधायक ने भवन उद्घाटन पर उठाए सवाल, कहा- भाजपा के कार्यकाल में बना था - हेमंत सरकार

29 दिसंबर को हेमंत सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है. इस उपलक्ष्य में राज्य भर में कार्यक्रम का आयोजन होना है. हजारीबाग में भी कुल 200 करोड़ों रुपये से निर्मित भवन का उद्घाटन और शिलान्यास होगा, जिसको लेकर विधायक मनीष जायसवाल ने सवाल खड़े किए हैं.

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विधायक मनीष जायसवाल

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Published : Dec 28, 2020, 7:46 PM IST

हजारीबागः 29 दिसंबर को हेमंत सरकार का 1 साल पूरा होने वाला है. ऐसे में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है. हजारीबाग में कुल 200 करोड़ों रुपए से बने भवन का उद्घाटन और शिलान्यास होगा. इस उद्घाटन कार्यक्रम पर विधायक मनीष जायसवाल ने सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि सरकार भवन का उद्घाटन कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन सारा भवन भाजपा के कार्यकाल में बना था.

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हजारीबाग समाहरणालय, बरही उपकार, प्रखंड एवं अंचल के चार भवन, कई पीएचसी और आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा. भवन के उद्घाटन पर विधायक मनीष जायसवाल ने सवाल खड़े किए है. उनका कहना है कि सारे भवनों का निर्माण भाजपा के कार्यकाल में हुआ था और शिलान्यास भी बीजेपी के कार्यकाल में हुआ था. अब हेमंत सोरेन इसको अपनी उपलब्धि में दिखा रही है. उनके कार्यकाल में एक भी शिलान्यास नहीं हुआ, यहां तक कि पूरा कार्यकाल ही फ्लॉप रहा है. इस कार्यकाल में न तो भवन का निर्माण हुआ और न ही किसी योजना की शुरुआत हुई, बल्कि सिर्फ और सिर्फ अपराध उग्रवाद को बढ़ावा मिला है. उन्होंने किसी भी जनसुविधा के लिए कोई भी कार्य नहीं किया है.

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बीजेपी ने किए है कई काम
विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हेमंत सरकार ने कार्यकाल के पहले वर्ष को सेवा वर्ष के रूप में घोषित किया है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि 1 साल में मैंने कोरोना काल के दौरान कई कार्य किए हैं. जरूरतमंद लोगों को निशुल्क आहार पैकेट बांटे. 65 दिनों तक जरूरतमंदों को भोजन कराया गया, जिसमें लगभग 50 हजार लोगों को हम लोगों ने खाना खिलाया है, यही नहीं नमो चलंत भोजनालय 27 दिनों तक आठ अलग-अलग क्षेत्रों में चलाया गया, जिसमें 4 लाख लोगों को थाली परोसी गई.

इसके साथ ही साथ सेनेटाइजर और मास्क का वितरण बड़े पैमाने पर किया है. बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया है. कुल मिलाकर कहा जाए तो 1 साल में हम लोगों ने कोरोना काल में युद्धस्तर पर काम किया है. इस कारण 1 साल के कार्यकाल को हम लोगों ने सेवा काल का नाम दिया है.

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