हजारीबाग:झारखंड पुलिस सेवा ही लक्ष्य स्लोगन से पूरे देश भर में जानी जाती है. यह स्लोगन हजारीबाग में चरितार्थ हुआ है, जब इचाक पुलिस की मदद से 2 महीना से लापता युवक अपने परिवार वालों से मिल पाया. आनंद विहार दिल्ली से लापता युवक मोहन भुइयां दो महीना बाद अपने परिजनों से मिला.
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इचाक थाना क्षेत्र के जलौंध गांव निवासी कैलाश भुइयां का बेटा मोहन भुइयां (44 वर्ष) लॉकडाउन से पहले दोस्तों के साथ गांव से काम करने दिल्ली गया था. 22 अप्रैल से लॉकडाउन लगने के बाद उसके सभी साथी वापस गांव लौट आए, लेकिन मोहन भुईयां बिछड़ गया. अकेला मोहन दिल्ली में विच्छिप्त की तरह इधर-उधर भटकने लगा. 28 मई को आनंद विहार निवासी तारा दत्त की नजर मोहन पर पड़ी. उन्होंने उससे पूछताछ की, जिसमें मोहन ने बताया कि उसका घर कोडरमा रेलवे स्टेशन के नजदीक हजारीबाग इचाक का है. तारा दत्त ने उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
पुलिस मोहन को सकुशल कोडरमा से ले गई हजारीबाग
वहीं दूसरी ओर मोहन की पत्नी सर्बिया देवी ने इचाक थाना में आवेदन देकर पति के गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया. इसी दौरान इचाक थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार को मोहन का वीडियो भी मिला और उसने लापता युवक को पहचान लिया. पहचानने के बाद जिसने वीडियो वायरल किया था, उसने अपना नंबर भी वीडियो में दिया था. उससे बात की गई और किसी तरह मोहन को हजारीबाग भेजने का अनुरोध किया और जो खर्च होगा उसे देने की बात कही. जिस व्यक्ति ने वीडियो वायरल किया था, उसने भी कहा कि मुझे पैसे की जरूरत नहीं है. उस व्यक्ति ने मोहन को कोडरमा जाने के लिए ट्रेन में बैठाया और खाने के लिए कुछ सामान और कपड़े भी दे दिए. उसके कोडरमा पहुंचने से पहले थाना प्रभारी ने अपनी टीम को कोडरमा स्टेशन भेज दिया. टीम ने मोहन को सकुशल कोडरमा से हजारीबाग लाया. थाना प्रभारी के इस कार्य का हर तरफ चर्चा हो रही है. पीड़ित परिवार ने भी उनका शुक्रिया अदा किया है.