हजारीबाग: जिला नगर निगम का हाल बुरा है. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में नहीं बनती है. जनप्रतिनिधि अपनी लाचारी बयां करते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर मेयर ने एक बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने अपना दर्द पार्षदों के बीच बयां किया.
हजारीबाग नगर निगम के जनप्रतिनिधि आजकल अपने कक्ष की केवल शोभा बढ़ा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों को काम करने के लिए अधिकारियों की मदद लेनी होती है. लेकिन अधिकारी जनप्रतिनिधियों की न सुन रहे हैं और न ही उनका फोन उठा रहे हैं. लेकिन जनप्रतिनिधि होने के कारण जनता सीधे उनसे सवाल करती है. जब सवाल का जवाब अधिकारी या फिर कर्मचारी से मांगा जाता है तो वह फोन उठाना पसंद नहीं करते हैं.