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कैसे पढ़ेंगे स्टूडेंट्स? विनोवा भावे विश्वविद्यालय में है शिक्षकों की कमी - विनोबा भावे यूनिवर्सिटी

विनोबा भावे विश्वविद्यालय में यह जानकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि यहां एक भी स्नातकोत्तर विभाग के पद सृजित नहीं है. ऐसे में भगवान भरोसे यह संस्थान चल रहा है.

lack of teachers in vinova bhave university in hazaribag
विनोवा भावे विश्वविद्यालय

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Published : Jan 20, 2021, 8:40 PM IST

Updated : Jan 24, 2021, 8:06 PM IST

हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय अपने गठन काल से ही शिक्षकों के घोर अभाव से जूझ रहा है. विश्वविद्यालय के केवल स्नातकोत्तर स्तर पर 19 विभाग है. प्रत्येक विभाग में 7 पद होने चाहिए. जिसमें एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और 4 सहायक प्रोफेसर विभाग के लिहाज से जोड़ा जाए तो कुल 133 पद होना चाहिए, अभी मात्र 22 पद ही सृजित है. अगर पूरे पद को देखा जाए तो 111 पद और सृजित होने चाहिए. लेकिन छात्रों की संख्या को देखते हुए वर्तमान में 108 पद सृजित की बात कही जा रही है. आश्चर्य की बात है कि पद सृजित नहीं करने के कारण विश्वविद्यालय पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.

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वर्तमान समय में विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दो तरह के पाठ्यक्रम चल रहे हैं. एक नियमित जिसमें 19 विभाग हैं, इसके अलावा दूसरा व्यवसायिक कोर्स है. लेकिन 25 से 26 साल बीत जाने के बाद भी यहां एक स्नातकोत्तर शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों का पद सृजित नहीं किया गया. पहले से यहां 22 पद सृजित है, जो संत कोलंबस कॉलेज के सृजित पद है. जहां पीजी सेंटर चलता था, वर्तमान में इस विश्वविद्यालय के नाम पर एक भी पद सृजित नहीं हुआ. ऐसे में सरकार के पास भी संघ ने पद सृजित करने के लिए गुहार लगाया है.
शिक्षकों की भारी कमी
नैक की ग्रेडिंग पर असर

बिनोवा भावे विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विकास कुमार बताते हैं कि पद सृजित नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय के प्रगति में बाधा हो रहा है. नैक की ग्रेडिंग पर भी असर पड़ रहा है, आने वाले अगस्त माह में फिर से नैक का ग्रेडेशन होना है, इस बाहर हम लोगों ने B++ पाया था. ऐसे में इस बार भी पद सृजित नहीं होने के कारण हमारे विश्वविद्यालय पर इसका बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर इतिहास खंगाल कर देखा जाए तो बिनोवा भावे विश्वविद्यालय के गठन के बाद जो भी विश्वविद्यालय बने हैं वहां पद सृजित किया गया है. लेकिन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्र संघ, शिक्षक संघ की हमेशा पद सृजित करने को लेकर कोशिश भी किया है. ऐसे में यह उम्मीद लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में हमारा अनुरोध स्वीकार किया जाएगा और पद भी सृजित की जाएगी. विकास कुमार का यह भी कहना है कि हमारे यहां सिर्फ शिक्षक नहीं बल्कि गैर शिक्षक कर्मियों की भी कमी है. जो कर्मी थे उनमें अधिकतर रिटायर्ड कर गए हैं. ऐसे में सेवानिवृत्त होने के बाद पद खाली पड़े हैं. कुछ लोगों की बहाली अनुबंध पर किया गया. कुछ सेवानिवृत्त कर्मियों से भी यह काम लिया जा रहा है क्योंकि उनके पास तजुर्बा है.

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वैकल्पिक व्यवस्था से पढ़ाई

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के छात्र नेता चंदन सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय गठन का तो 25 साल से अधिक का समय बीत गया. लेकिन शिक्षक के बहाली नहीं होने पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर पड़ा है. अभी-भी 109 पद सृजित नहीं है, अगर पद सृजित होता है शिक्षक आते तो हम लोगों को अच्छा माहौल मिलता. हम अच्छा कर पाते हैं, इस बाबत हम लोगों ने सरकार से मांग भी रखा है कि जल्द से जल्द शिक्षकों को भरा जाए. शिक्षकों की कमी को लेकर विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव भी कहते हैं कि अगर हम लोगों के पास शिक्षक रहते तो इसका फायदा छात्रों को मिलता है. लेकिन वर्तमान समय में हम लोग अनुबंध पर कई शिक्षकों को रखे हैं. जो अपना शत प्रतिशत छात्रों को दे रहे हैं. इसके अलावा रिटायर्ड टीचर भी रखे जा रहे हैं. वैसे छात्र जो एमएससी में टॉपर है उन्हें भी हम लोग गेस्ट फैकल्टी के रूप में उपयोग में ला रहे हैं. ऐसे में छात्रों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने के लिए हम लोग वचनबद्ध हैं. वर्तमान समय में विश्वविद्यालय में लगभग 2.5 लाख से अधिक छात्र हैं, वहीं 109 पद सृजित करना है.

Last Updated : Jan 24, 2021, 8:06 PM IST

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