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झारखंड का सबसे पुराना पिंजरापोल सोसायटी गौशाला कमेटी भंग, प्रशासन ने लगाए 140 गाय मरने का आरोप - कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी

झारखंड का सबसे पुराना सीतागढा स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी को जिला प्रशासन ने भंग कर दिया है. जिला प्रशासन ने सोसायटी पर गौ सेवा में कुव्यवस्था का आरोप लगाया है. सोसायटी भंग करने के बाद गौशाला के पदाधिकारी परेशान हैं. उन्होंने सोसायटी के ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया है.

Jharkhand oldest Pinjarpole Society Gaushala Committee dissolved in hazaribag
गौशाला कमेटी भंग

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Published : Apr 13, 2021, 5:33 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 6:30 PM IST

हजारीबाग:राज्य का जाना पहचाना सीतागढा स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी को जिला प्रशासन ने भंग कर दिया है. 1885 से यह सोसायटी गोवंश की सेवा करते आ रही है. वर्तमान समय में पिंजरापोल सोसायटी में 500 से अधिक गोवंश है. जिला प्रशासन ने सोसायटी पर कुव्यवस्था और एक साल में 140 गाय के मरने का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर जिला गव्य विकास पदाधिकारी जांच भी कर रहे हैं.

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झारखंड ही नहीं पूरे देश में गोवंश की सेवा करने वाली सीतागढ़ा स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी को जिला प्रशासन ने भंग कर दिया है. इसके भंग होने के साथ ही पूरे जिले भर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. पिंजरापोल सोसायटी गौशाला में प्रशासन के ओर से पकड़ी गई गाय रखी जाती है, जहां उन्हें प्रशासन की मदद से चारा मुहैया कराया जाता है. वर्तमान समय में 500 से अधिक गोवंश सोसायटी में है. कुछ दिनों से सरकार ने सोसायटी को पैसा भी मुहैया नहीं कराया है. ऐसे में लगभग 40 लाख से अधिक रुपये प्रशासन का सोसायटी पर बकाया है. सोसाइटी दान से चल रही है, लेकिन सोसायटी के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे हैं. प्रशासन का आरोप है कि 140 से अधिक गाय एक साल में मर गई है, इसके अलावा खाने के लिए गाय को उचित चारा नहीं मिल पाता है, साथ ही साथ कमेटी पर यह भी आरोप है कि चुनाव अक्टूबर 2020 में निर्धारित था, तो फिर चुनाव अब तक क्यों नहीं हुआ है. ऐसे में उपायुक्त ने एक कमेटी का गठन कर सोसायटी को भंग कर दिया गया है.

गौशाला में गोवंश



सोसायटी के पदाधिकारी परेशान
सोसायटी भंग करने के बाद गौशाला के पदाधिकारी काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यह एक समाज सेवा है, हम सभी गोवंश के रक्षक हैं, गौ हत्या कानूनी अपराध है, हम लोगों को बड़ी जिम्मेवारी मिली है, हम चंदा कर गौशाला चला रहे हैं, इसके बावजूद हम लोगों के ऊपर गलत आरोप लगाया गया है. उनका कहना है कि 140 गाय पिछले 1 साल में मरी है, लेकिन उनमें से वैसी गाय भरी है जो बूढ़ी हो गई है या फिर प्रशासन के द्वारा जब्त कर सोसायटी में पहुंचाया गया है, जब प्रशासन के ओर से जब्त गया सोसायटी के पास पहुंचाया जाता है, उनकी स्थिति बेहद खराब होती है, गाय बीमार रहती है या घायल. उनका यह भी कहना है कि सोसायटी में महज 15 से 20 गाय की मौत हुई है और वह भी बूढ़ी हो गई थी, गाय को अच्छा चारा दिया जा रहा है, ऐसे में सोसायटी के खिलाफ बड़ी साजिश की गई है और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

गौशाला में काम करती महिलाएं

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गौ सेवा में हो सकती है परेशानी
गौशाला सोसायटी भंग करने के बाद गौ सेवा एक चिंता का विषय बना हुआ है. वर्तमान समय में गोवंश को चारा का दिक्कत ना हो इसे लेकर सोसायटी ने भारी मात्रा में कुट्टी की व्यवस्था की है, लेकिन जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. ऐसे में समस्या का समाधान होना बेहद जरूरी है.

Last Updated : Apr 13, 2021, 6:30 PM IST

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