हजारीबाग:राज्य का जाना पहचाना सीतागढा स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी को जिला प्रशासन ने भंग कर दिया है. 1885 से यह सोसायटी गोवंश की सेवा करते आ रही है. वर्तमान समय में पिंजरापोल सोसायटी में 500 से अधिक गोवंश है. जिला प्रशासन ने सोसायटी पर कुव्यवस्था और एक साल में 140 गाय के मरने का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर जिला गव्य विकास पदाधिकारी जांच भी कर रहे हैं.
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झारखंड ही नहीं पूरे देश में गोवंश की सेवा करने वाली सीतागढ़ा स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसायटी को जिला प्रशासन ने भंग कर दिया है. इसके भंग होने के साथ ही पूरे जिले भर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. पिंजरापोल सोसायटी गौशाला में प्रशासन के ओर से पकड़ी गई गाय रखी जाती है, जहां उन्हें प्रशासन की मदद से चारा मुहैया कराया जाता है. वर्तमान समय में 500 से अधिक गोवंश सोसायटी में है. कुछ दिनों से सरकार ने सोसायटी को पैसा भी मुहैया नहीं कराया है. ऐसे में लगभग 40 लाख से अधिक रुपये प्रशासन का सोसायटी पर बकाया है. सोसाइटी दान से चल रही है, लेकिन सोसायटी के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे हैं. प्रशासन का आरोप है कि 140 से अधिक गाय एक साल में मर गई है, इसके अलावा खाने के लिए गाय को उचित चारा नहीं मिल पाता है, साथ ही साथ कमेटी पर यह भी आरोप है कि चुनाव अक्टूबर 2020 में निर्धारित था, तो फिर चुनाव अब तक क्यों नहीं हुआ है. ऐसे में उपायुक्त ने एक कमेटी का गठन कर सोसायटी को भंग कर दिया गया है.