हजारीबाग:जैन समुदाय के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा. अन्नदा चौक पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के कर कमलों से कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण हुआ. बताते चलें कि जैन मुनि 108 प्रमाण सागर जी महाराज की मौजूदगी में राज्यपाल ने इस किर्ती स्तंभ का लोकार्पण किया है. कीर्ति स्तंभ जैन मुनि श्री विद्यासागर जी महाराज की स्मृति में बनाया गया है. कार्यक्रम के दौरान पूरे क्षेत्र को आकर्षक रूप से सजाया गया था. आकर्षण का केंद्र बिंदु महिला ढोल ताशा रहा. इस कार्यक्रम में सांसद जयंत सिन्हा, बरही विधायक उमाशंकर अकेला अन्य जनप्रतिनिधि समेत कई लोग मौजूद रहे.
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जैन मुनि 108 प्रमाण सागर जी महाराज का परिचय
जैन मुनि 108 प्रमाण सागर जी का जन्म हजारीबाग में ही हुआ. जैन समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों में भी इनकी आने को लेकर उत्सुकता थी. अपने 4 दिन के मंगल प्रवास के दौरान इन्होंने शंका समाधान जिसके लिए पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं, उसका भी आयोजन किया. हजारीबाग के लोगों ने अपने मन की शंका को उनके सामने व्यक्त किया और उन्होंने उसका सरल उपाय बताया. हजारीबाग पहुंची राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का भव्य स्वागत किया गया. भव्य समारोह में राज्यपाल द्वारा कीर्ति स्तंभ का परंपरागत रीति-रिवाज के साथ लोकार्पण किया गया और इसके बाद टाउन हॉल में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर राज्यपाल ने दी जानकारी
टाउन हॉल में ही आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड अध्यात्म के साथ-साथ पर्यटक स्थल और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है. उन्होंने पारसनाथ की चर्चा करते हुए कहा कि यहां जैन धर्म के कई तीर्थंकर मोक्ष प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने ये भी कहा कि देश-विदेश से लोग पारसनाथ पहुंचकर भगवान का दर्शन करते हैं. इटखोरी की भी उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि ये कई संस्कृतियों का मिलन स्थल है. जहां बौद्ध और जैन धर्म के साथ-साथ मां भद्रकाली हैं, जो हिंदुओं के लिए पूजनीय स्थल है. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले समय में युवाओं को ये कीर्ति स्तंभ प्रेरित करता रहेगा.
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ऋषि-मुनियों का देश है भारत
इस मौके पर राजकीय अतिथि जैन मुनि 108 प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि भारत देश में राजा महाराजाओं की तुलना में ऋषि-मुनियों को ज्यादा सामान मिलता रहा है. ये देश ऋषि-मुनियों का देश है. उन्होंने कहा कि इतिहास कीर्ति स्तंभ और शिलालेख से पहचाना जाता है. आने वाले समय में हजारीबाग का इतिहास भी इसी स्थान से जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि पाश्चात्य सभ्यता की ओर भारतीय युवा जा रहे हैं, लेकिन पश्चात देश भारत का अनुसरण कर रहे हैं. हमने भारत में जन्म लिया है. ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात होनी चाहिए.
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने भी साझा किए विचार
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि कीर्ति स्तंभ हजारीबाग को अलग पहचान पूरे देश भर में देगा. 122 स्थानों पर स्तंभ बनाया गया है उसमें हजारीबाग है, ये खुद में महत्वपूर्ण है. उन्होंने ये भी कहा कि इसी तरह का स्तंभ अन्य जगहों पर भी बनना चाहिए. इससे अच्छा माहौल बनता है और लोग अच्छे विचार भी सोचते हैं.