हजारीबागः हिंदू धर्म में होलिका दहन का विशेष महत्व होता है. होलिका दहन के बाद होली खेली जाती है. होलिका दहन को नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है. हजारीबाग में होलिका दहन के अवसर पर लोगों में उत्साह देखने को मिला. निर्धारित समय पर लोगों ने होलिका दहन करके आने वाले साल के लिए खुशी की कामना ईश्वर से की.
हिंदू धर्म की संस्कृति और सभ्यता उनके त्योहारों में झलकती है. होली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन सभी एक दूसरे को रंग लगाकर हम लोग के साथ त्योहार मनाते हैं. होलिका दहन के पीछे कई मान्यताएं भी हैं. सबसे प्रमुख इसके पीछे प्रह्लाद और होलिका की कहानी है. होलिका दहन को संवत का परिवर्तन यानी नए साल का आरंभ माना जाता है. होलिका दहन के अवसर पर हजारीबाग में लोगों में उत्साह देखने को मिला. लोग अपने घरों से निकलकर होलिका दहन किया और जो रीति रिवाज है उसे पूरा किया. साथ ही साथ ईश्वर से कामना किया आने वाला वर्ष पूरे परिवार और समाज के लिए खुशहाली भरा हो. ऐसे में समाज का हर एक तबका होली के रंग में रंगा नजर आया.होली आपसी एकता का प्रतीक है. जो पूरे समाज को एक सूत्र में बांधता है. होलिका दहन के साथ ही होली की शुरुआत हो जाती है. हिंदू धर्मावलंबी नए वर्ष की शुरुआत करते हैं.