हजारीबागः होली का रंग लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा है. हजारीबाग जिले के बरकट्ठा और चलकुशा भी इससे अछूता नहीं रहा. हर वर्ग और समाज के लोग होली मिलन समारोह का आयोजन कर रहे हैं.
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होली को लेकर हजारीबाग के चलकुशा के लोग भी काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि होली में पलास के फूल को पत्थर पर पीस कर गुलाल बनाते हैं. जिसके बाद वो होली खेलते हैं, लेकिन अभी वो जमाना नहीं रहा. लोग अब बनावटी रंग-अबीर से होली खेलते हैं, जो हानिकारक है.
डामर महतो बताया कि फागुन महीना आते ही हमलोग कबडी, चिरचिरी को सूखा कर डब्बे में डालकर ऊपर फेकते थे, जिसे दूसरे गांव के लोग भी देखते थे. फगुवा का गीत गाते थे. अब लोग मोबाइल के जमाना के अनुसार होली खेल रहे हैं. रंग के त्योहार को भंग कर रहे हैं. जिससे लोग होली मनाने से परहेज भी करने लगे हैं. होली में भूले-बिछड़े लोगों से सभी शिकवा शिकायत को भूल कर गले मिलते हैं.