रांचीःहजारीबाग में एक नाबालिग को शौचालय साफ करने वाला एसिड पिलाने के मामले में हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर फिर सुनवाई हुई. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालत में उपस्थित हुए हजारीबाग के एसपी को मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने फटकार लगाई. अदालत ने पुलिस की कार्यप्रणाली और जांच पर सवाल उठाए. साथ ही मामले में लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए केस में विस्तृत जवाब मांगा.
न्यायाधीश बोले- सब मिलकर आरोपी को बचा रहे
बेंच ने केस की सुनवाई के दौरान हजारीबाग एसपी से पूछा कि 161 का बयान दर्ज किया गया तो 164 में बयान क्यों नहीं दर्ज किया गया? किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच का तरीका ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी को सब मिलकर बचा रहे हैं, अदालत ने मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
आईओ को भी खरी-खरी
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हजारीबाग की नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले में स्वतः संज्ञान याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की गई. सभी न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए. वहीं हजारीबाग के एसपी और केस के आईओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए.