हजारीबाग: जिले के एक सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने पहुंचे प्रशासन को जनप्रतिनिधि से दो-चार होना पड़ा. दरअसल, जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण किए हुए जमीन पर बुलडोजर चलाकर उसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा था. इसे लेकर हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने आपत्ति जाहिर की और कहा कि एसडीओ कोर्ट का आदेश जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराना है न कि तोड़फोड़ करना है. यह मामला अभी लंबित है.
राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि जो भी सरकारी जमीन है और वहां अगर अतिक्रमण किए हुए हैं तो उसे मुक्त कराना है. हजारीबाग एसडीओ कोर्ट के आदेश पर इमली कोठी रोड स्थित बड़े भूखंड को जिला प्रशासन अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए पहुंची थी. जहां बुलडोजर के जरिए लगभग आधा से अधिक चार दिवारी तोड़ दिया गया और उस क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किया गया.
अतिक्रमणकारियों से बात करते विधायक विधायक ने किया विरोध
इस बात को लेकर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने विरोध दर्ज किया. उनका कहना है कि जिला प्रशासन अपनी ताकत के बल पर गैर कानूनी काम कर रही है और अतिक्रमण क्षेत्र में तोड़फोड़ की है. विधायक का कहना है कि कोर्ट ने आदेश अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए दिया है न कि तोड़फोड़ करने के.
अतिक्रमणकारियों को MLA से होना पड़ा दो चार लिज का नविनीकरण नहीं किया गया
बता दें कि इस सरकारी जमीन के लिज नविनीकरण के लिए आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक लीज नवीनीकरण नहीं हुई है. जमीन पर एक पूरा परिवार अपना दावा किए हुए हैं. उसका कहना है कि हम लोग इस जमीन में कई पुस्तो से रह रहे हैं. ऐसे में सरकार ने जमीन की लिज का नविनीकरण नहीं किया है. इसे लेकर आवेदन दी है गई है.
वहीं, अतिक्रमण से मुक्त कराने वाले पदाधिकारी ने कहा कि हमने कोर्ट का आदेश पूरा किया है. यह जमीन सरकार की है इस पर अतिक्रमण करना गैरकानूनी है. बहरहाल, यह मामला कोर्ट में भले ही लंबित है. लेकिन इसके पीछे बडे भूमाफिया होने की बात सामने आ रही है. अब देखने वाली बात होगी कि इस जमीन पर आने वाले समय में क्या होता है.