हजारीबाग: लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल उत्पादन और उद्यमशीलता के हब के तौर पर विकसित हो रहा है. जेल में अलग-अलग तरह के उत्पादों के निर्माण और बिक्री की बदौलत वर्ष 2022-23 में जेल प्रशासन ने 2.35 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में ढाई से तीन करोड़ से ज्यादा की आमदनी की उम्मीद की जा रही है.
जेल में प्रिंटिंग मशीन, टेक्सटाइल्स, फर्नीचर, साबुन, फिनाइल आदि के उत्पादन की इकाइयां लगाई गई हैं. ये इकाइयां सैकड़ों प्रशिक्षित कैदियों की बदौलत संचालित की जा रही हैं. इसके एवज में मिलने वाले मेहनताना से वे खुद के साथ-साथ अपने परिजनों की मदद कर रहे हैं.
जेल के सुपरिंटेंडेंट जीतेंद्र कुमार के मुताबिक, इस वर्ष झारखंड हाईकोर्ट से जेल को फार्म, लीफ फाइल आदि की आपूर्ति के लिए ढाई करोड़ का कार्यादेश प्राप्त हुआ है. हजारीबाग के जिला प्रशासन के दफ्तरों से भी फॉर्म, फाइल, रजिस्टर सप्लाई के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं. जेंल में लगाए गए आधुनिक प्रिंटिंग प्रेस के संचालन में 35 प्रशिक्षित कैदियों को लगाया गया है.
इसी तरह टेक्सटाइल, साबुन और फिनाइल प्रोडक्शन की इकाइयों में 135 से ज्यादा कैदी काम करते हैं. उत्पादित सामान की सप्लाई धनबाद, बोकारो, चतरा, कोडरमा सहित झारखंड की दूसरी जेलों में की जाती है. लगभग आधा दर्जन जेलों में कैदी जो कपड़ा पहनते हैं, उसकी आपूर्ति इसी जेल से की जाती है.