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हजारीबाग में 6 एकड़ जमीन पर चल रहा हरित फैक्ट्री का काम, लोगों को मिल रहा रोजगार - बिरसा हरित ग्राम योजना

हजारीबाग के दारू प्रखंड के गोपला गांव में इन दिनों ग्रामीण हरित फैक्ट्री अपने परती जमीन पर लगा रहे हैं. गांव के ही एक व्यक्ति का सालों से शौक था कि उनके प्रति भूखंड पर हरे-भरे पेड़ लगाए जाएं, लेकिन आर्थिक रूप से सबल नहीं होने के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो रहा था. अब राज्य सरकार के बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत उन्हें लाभ मिला है, जिससे हरित फैक्ट्री लगाने का उनका सपना साकार हुआ है.

हजारीबाग में 6 एकड़ जमीन पर चल रहा हरित फैक्ट्री का काम
Green factory work on 6 acres of land in Hazaribag

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Published : Aug 3, 2020, 3:44 PM IST

हजारीबाग: जिले के दारू प्रखंड के गोपला गांव में इन दिनों ग्रामीण हरित फैक्ट्री अपने परती जमीन पर लगा रहे हैं. दरअसल, गांव के ही 60 वर्षीय कैलाश पति देव को सालों से यह शौक था कि उनके प्रति पड़े भूखंड पर हरे-भरे पेड़ लगाए जाएं, लेकिन आर्थिक रूप से सबल नहीं होने के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो रहा था. अब राज्य सरकार के बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत उन्हें लाभ मिला है, जिससे हरित फैक्ट्री लगाने का उनका सपना साकार हुआ है. ऐसे में वे काफी खुश हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा के स्रोत भी बन रहे हैं.

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5 सालों में मिलेगा हरित फैक्ट्री से फायदा

दारू प्रखंड के गोपला गांव के रहने वाले कैलाश पतिदेव का पूरा परिवार अपने लगभग 6 एकड़ जमीन पर हरे-भरे पौधे लगाने का सपना देखा था, लेकिन आर्थिक रूप से संपन्न नहीं होने के कारण इतने बड़े भूखंड पर पौधा लगाना संभव नहीं था, लेकिन राज्य सरकार के बिरसा ग्राम योजना का इन्होंने लाभ लिया और अपने भूखंड पर फलदार वृक्ष लगाया. उनका कहना है कि वो इसे हरित फैक्ट्री कहते हैं क्योंकि फैक्ट्री का अर्थ होता है, जहां उत्पादन हो और उसे बाजार में बेचा जा सके. यहां भी आने वाले 5 सालों में फल का उत्पादन होगा और वह उसे बाजार में बेचेंगे.

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हरित फैक्ट्री से होगा दोहरा फायदा

हजारीबाग सदर विधायक मनीष जयसवाल ने बताया कि इसका दोहरा लाभ है. पहला तो वर्तमान समय में संक्रमण के दौर में मजदूरों को रोजगार मिल रहा है और दूसरा भविष्य में जब वृक्ष से फल मिलेगा तो उसे बेचकर जमीन के मालिक को आर्थिक लाभ भी मिलेगा. यह एक बहुत बड़ा प्लॉट है. ऐसे में फलदार वृक्षों की संख्या भी अधिक होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मित्र के रूप में सेवा दे रही कंचन बाला कहती हैं कि अभी तो वे लोग सिर्फ यहां पेड़ लगा रहे हैं. आने वाले समय में पेड़ों के बीच में जो जगह खाली है, वहां सब्जी भी लगाया जाएगा. इससे तत्काल आर्थिक मदद भी मिलेगा. इसके साथ ही साथ पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा.

पर्यावरण को संरक्षित रखने में निभाएं अपनी अहम भूमिका

वहीं, दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी भी काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि दारू प्रखंड में लगभग 38 एकड़ जमीन पर 4 हजार से अधिक आम्रपाली का पौधा लगाया जा रहा है. इसके अलावा 2 हजार 800 इमारती पौधे लगाने का कार्य शुरू किया गया है. ऐसे में दारू प्रखंड आने वाले समय में हरा भरा दिखेगा और पर्यावरण को शुद्ध करने में हमारी अहम भूमिका रहेगी. कैलाश पति देव का यह सपना समाज के लोगों को संदेश भी देता है कि खूब पेड़ लगाएं और पर्यावरण को संरक्षित रखने में अपनी अहम भूमिका निभाएं.

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