हजारीबागः पूर्व सांसद सह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने गैरमजरूआ वन भूमि की अवैध बंदोबस्ती को लेकर आरटीआई के तहत जिला प्रशासन से सूचना की मांग की. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से आरटीई का जवाब नहीं दिया गया है. सोमवार को पूर्व सांसद ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी हजारीबाग जिला प्रशासन ने नहीं दी है. अब पार्टी गैर मजरूआ वन भूमि की अवैध बंदोबस्ती को लेकर प्रखंड से लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन करेगी. इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुली तो हम लोग उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे.
हजारीबाग में पूर्व सांसद ने आरटीआई से मांगी गैरमजरूआ वन भूमि की अवैध बंदोबस्ती की जानकारी, अब कर रहे हैं आंदोलन की तैयारी
हजारीबाग में पूर्व सांसद को गैरमजरूआ जमीन की जानकारी नहीं मिली. पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि गैरमजरूआ जमीन की बंदोबस्ती से संबंधित जानकारी को लेकर आरटीआई दाखिल किया था. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया है. अब आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है.
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भुनेश्वर प्रसाद मेहता का कहना है कि हजारीबाग के बड़कागांव, केरेडारी, हजारीबाग सदर, कटकमदाग और कटकमसांडी अंचल में हजारों एकड़ गैरमजरूआ और वन भूमि की अवैध बंदोबस्ती की गई है. इसके साथ ही हजारीबाग शहर में स्थित खासमहाल की जमीन पर भू-माफिया कब्जा कर रहा है. इतना ही नहीं, नदी, नाला, तालाब, कब्रिस्तान और श्मशान घाट की जमीन की भी बंदोबस्ती धड़ल्ले से की जा रही है. उन्होंने कहा कि 10 हजार एकड़ से अधिक जमीन की बंदोबस्ती हो चुकी है. अब बचे हुए गैरमजरूआ वन भूमि पर भूमि माफिया और राजस्व विभाग के कर्मचारियों और अफसरों की नजर है.
उन्होंने कहा कि रजिस्टर-दो में लगातार हेराफेरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि 2015 से इस मसले पर आवाज उठाई जा रही है. एसआईटी का गठन भी किया गया. वहीं, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को जानकारी भी दी गई. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है. इस स्थिति में प्रखंड और अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन व धरना देंगे. मार्च महीने में जिला मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन करेंगे और मई महीने में राजधानी रांची में महारैली का आयोजन करेंगे. इसके बाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे.