हजारीबाग: जिले में ब्लैक फंगस का पहला मरीज मिला है. शहर के पगमिल मोहल्ले में ब्लैक फंगस का मरीज मिला है, जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची के मेडिका अस्पताल रेफर कर दिया गया है.
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हजारीबाग में मिला ब्लैक फंगस का पहला मरीज, इलाज के लिए मेडिका अस्पताल रेफर
देश में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर है. इस दौरान ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हजारीबाग में भी ब्लैक फंगस का पहला मरीज मिला है, जिसे इलाज के लिए रांची के मेडिका अस्पताल रेफर किया गया है.
हजारीबाग में ब्लैक फंगस का मरीज मिला है, जिसका इलाज जिले के ही एक निजी अस्पताल में चल रहा था. मरीज 75 वर्षीय पगमिल मोहल्ले का रहने वाला है. कोरोना के इलाज के दौरान वृद्ध में ब्लैक फंगस चिन्हित किया गया है. सबसे पहले वृद्ध के नाक में संक्रमण का पता चला था, सीटी स्कैन करने पर प्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे रांची मेडिका अस्पताल रेफर किया गया है. बताया जा रहा है कि ब्लैक फंगस का दूसरा स्टेज मरीज की आंख तक पहुंच गया है. मरीज की दोनों आंख पूरी तरह से प्रभावित हुई है. संक्रमण ब्रेन तक पहुंचा है या नहीं डॉक्टर इसकी जांच कर रहे हैं.
ब्लैक फंगस छुआछूत की बीमारी नहीं
हजारीबाग के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनवर इकराम ने बताया कि हमारे क्लिक में ही मरीज इलाज करवा रहे थे, पहले से मधुमेह से ग्रसित भी थे, शुगर लेवल बढ़ जाने और ऑक्सीजन लेवल कम आने के बाद मरीज का सीटी स्कैन कराया गया. इस दौरान मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. डॉक्टर अनवर इकराम ने बताया है कि जिन मरीजों को कोरोना संक्रमण हुआ है, उन्हें ब्लैक फंगस होने का खतरा है, लेकिन ब्लैक फंगस छुआछूत की बीमारी नहीं है, एहतियात बरतने की जरूरत है.