हजारीबाग: जिला में पैक्स के मिल को धान नहीं देने का मामला उजागर हुआ है. जिसमें लाखों रुपया का घोटाला होने की आशंका है. ऐसे में दो पैक्स अध्यक्ष अंकित भारद्वाज और सुरेश प्रसाद मेहता के ऊपर संयुक्त रूप से प्राथमिकी दर्ज (FIR against PACS presidents in paddy scam) करने का आदेश इचाक थाना को निर्गत किया गया है.
हजारीबाग में धान खरीद में करोड़ों का घोटाला, एफआईआर दर्ज - Jharkhand news
हजारीबाग में धान की खरीद में करोंड़ों रुपए का घोटाला हुआ है. इस मामले में पैक्स (Primary Agricultural Credit Societies) के दो अध्यक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR against PACS presidents in paddy scam) की गई है. मामला इचाक थाना क्षेत्र का है.
![हजारीबाग में धान खरीद में करोड़ों का घोटाला, एफआईआर दर्ज Etv Bharat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17089088-thumbnail-3x2-mandi-hz.jpeg)
यह भी पढ़ें:झारखंड की खेती पर नैनो यूरिया का असरः छिड़काव से उपज में 10-15 प्रतिशत बढ़ोतरी
हजारीबाग में धान के शत-प्रतिशत उठाव नहीं होने पर पैक्स (Primary Agricultural Credit Societies) के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. दरअसल हजारीबाग में खरीफ विपणन मौसम 2020-21 में लोहंडी पैक्स में भंडारित धान के शत प्रतिशत उठाव नहीं होने की स्थिति में पैक्स के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आदेश झारखंड राज्य खाद्य निगम मुख्यालय रांची पत्रांक 3333 और पत्रा 4429 के द्वारा सूचित किया गया है. पत्र में कहा गया है कि खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में लोहंडी पैक्स के द्वारा कुल 6209.27 क्विंटल धान तृप्ति 'राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड' कवालू झुमरा हजारीबाग को उपलब्ध नहीं कराया गया. मिल में उपलब्ध नहीं कराए गए धान के समतुल्य राशि प्रति क्विंटल 2050 रुपया की दर से 1 करोड़ 27 लाख 29 हजार 7 रुपया होता है. जिसके विरुद्ध पैक्स के द्वारा 3 लाख रुपया 19 अक्टूबर 2022 को निगम मुख्यालय के खाता संख्या 50100291613195 में जमा किया गया. शेष राशि ₹1 करोड़ 24 लाख 29 हजार 4 रुपया पैक्स से वसूलनीय है.
पैक्स अध्यक्ष ने 6209.27 क्विंटल धान ना ही मिल को उपलब्ध कराया और ना ही धान के समतुल्य राशि निगम कार्यालय हजारीबाग में जमा की गई. ऐसे में दो पैक्स अध्यक्ष अंकित भारद्वाज, पैक्स अध्यक्ष लोहंडी ग्राम लोहंडी और सुरेश प्रसाद मेहता पैक्स प्रबंधक लोहंडी ग्राम दरिया थाना इचाक हजारीबाग के ऊपर संयुक्त रूप से 1 करोड़ 24 लाख 29हजार 04 रुपया के सरकारी धन के गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जाए.
एक ओर वर्तमान वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए धान खरीदारी के लिए तैयारी शुरू हो गई है. तो दूसरी ओर विगत वित्तीय वर्ष 20-21 के धान का शत प्रतिशत उठाव नहीं हो पाया है.