हजारीबाग: ईटीवी भारत के हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के हेदलाग जंगल में हजारों पेड़ काटने के मामले की खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद आखिरकाकर अधिकारी जागे हैं. आखिरकार वन विभाग के अफसरों ने 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. कटी लकड़ी भी कई घरों से जब्त किया है. इस पूरे मामले को लेकर वन विभाग की टीम जांच भी कर रही है. जमीन की माप भी करा रही है.
ये भी पढ़ें-नेशनल नेटबॉल सब जूनियर मैच में महिला वर्ग का जलवा, पुरुष वर्ग ने भी दिखाया कमालकुछ दिनों पहले ईटीवी भारत ने जंगल में पेड़ काटने की खबर प्रकाशित की थी. इसमें बताया था कि जंगल को समतल करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही बताया था कि किस तरह से भू-माफिया जंगल पर बुरी नजर रखे हैं. अब जागे अफसरों ने कार्रवाई की है और इस मामले में 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा कई घरों से कटी हुई लकड़ी जब्त की है. अब विभाग के पदाधिकारी उस क्षेत्र में जमीन की माप करा रहे हैं कि जंगल की कितनी जमीन पर कब्जा है . विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि अगर रेती जमीन भी है तो उन्हें काटने के लिए एनओसी लेने की जरूरत होती है. एनओसी नहीं ली गई है तो यह भी गैरकानूनी है.
नाले की जमीन बेची जा रहीः पूर्व सांसदजंगल की लकड़ी काटे जाने को लेकर हजारीबाग के पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी विभाग पर तंज कसते हुए कहा है कि सिर्फ एक ही जगह नहीं पूरे राज्य भर में भू माफिया हावी है. जंगल की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं तो नाले की जमीन बेची जा रही है. ऐसे में हम लोगों ने कई बार सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का भी काम किया है .जब हल्ला होता है तो माफिया शांत बैठ जाते हैं और कुछ दिन के बाद फिर से सक्रिय हो जाते हैं.
जंगल बचाने के लिए करेंगे बातः जयंत सिन्हाइधर, हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने भी इस मामले में टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग देश में प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां पर अब माफिया सक्रिय हैं. जो जंगल के जमीन को बेच रहे हैं और हरे भरे पेड़ काट रहे हैं. जो बहुत ही दुखद है. इस मामले को हमने सदन में उठाया है. जिस तरह से हजारीबाग में घटना घटी है यह निंदनीय है. हम लोग सरकार से भी इस मुद्दे को लेकर बात करेंगे और विभाग से भी कि कैसे हरे-भरे जंगल को बचाया जा सके.