हजारीबाग: पूरे देश में जहां 5G नेटवर्क (5G network) को लेकर काम चल रहा है, ताकि इंटरनेट की स्पीड बढायी जा सके. इसे लेकर जगह-जगह बड़े-बड़े टावर भी लगाए जा रहे हैं. वहीं झारखंड सरकार की जन वितरण प्रणाली (Public Distribution System) 2G पर ही काम कर रही है, जिसके कारण राशन लेने के लिए गांव के लोगों को 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है.
इसे भी पढे़ं: सांसद जयंत सिन्हा का आदर्श गांव बदहाल, अस्पताल भवन तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं
सरकार दूर-दराज के गांव में रहने वालों तक राशन पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के कई गांव के लोगों को राशन लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. ई-पॉस मशीन में अंगूठा लगाने के लिए उन्हें 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. उसके बाद यदि नेटवर्क मिला तो ई-पॉस मशीन में लाभुकों का नाम दर्ज हो जाता है, नहीं तो घंटों इंतजार करना पड़ता है.
कई गांव में नेटवर्क की समस्या
गांव में राशन डीलरों और लाभुकों के लिए नेटवर्क की समस्या जी का जंजाल बन गयी है. इस समस्या के कारण कई लाभुकों को समय से राशन नहीं मिल पाता है. पीडीएस सेवा को ऑनलाइन से जोड़ने के बाद जब तक लाभुकों के अंगूठे का निशान सत्यापित नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें राशन नहीं मिलता है. यह सभी ऑनलाइन प्रक्रिया है. हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के पीडीएस दुकानदार को भी ई-पॉस मशीन दी गयी है, लेकिन नेटवर्क की समस्या उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत हो रही है. नेटवर्क नहीं रहने के कारण लाभुकों को 6 किलोमीटर दूर जाकर अंगूठा का निशान लगाना पड़ता है. उसके 24 घंटे के बाद उन्हें राशन मिलता है. टाटीझरिया प्रखंड के 4 डीलरों को नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं लगभग 1500 कार्डधारियों को अंगूठा लगाने के लिए 6 से 8 किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव जाना पड़ता है. टाटीझरिया प्रखंड के डुमर, धर्मपुर, दूधमनिया, खरका, मुक्ति दूधमनिया, जेरुआडीह, डुंगो पानी समेत कई गांव में इस तरह की समस्या हो रही है.