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हजारीबाग में लॉकडाउन के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था ठप, जिला प्रशासन ने दो अस्पतालों के साथ किया एमओयू - covid 19 Hospital in Hazaribag

हजारीबाग: लॉकडाउन होने के कारण हजारीबाग में स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. अभी भी कई डॉक्टर हैं, जो अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं. दूसरी ओर हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में अब मरीजों को परेशानी नहीं हो इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने दो अस्पताल के साथ एमओयू किया है.

District administration signed MoU with two hospitals in hazaribag
हजारीबाग में लॉकडाउन के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था ठप्प

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Published : May 20, 2020, 8:13 PM IST

हजारीबाग: आरोग्यं हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 के रूप में चिन्हित किया गया है. जहां संक्रमित मरीज के साथ-साथ संदिग्ध मरीजों को भी एडमिट किया जा रहा है. ऐसे में अन्य मरीज अपना इलाज कहां कराएं यह चिंता का विषय था. इसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने 2 अस्पतालों के साथ एमओयू किया है.

इसमें एक अस्पताल श्रीनिवास है और दूसरा लाइफ केयर. श्रीनिवास अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए व्यवस्था की गई थी. जहां अब तक 300 से अधिक बच्चों का जन्म भी हो चुका है, लेकिन अब इस अस्पताल को भी सील कर दिया गया है. यहां से 2 महिला पॉजिटिव पाई गई हैं. ऐसे में अब हजारीबाग जिला प्रशासन ने तय किया है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव का इंतजाम किया जाएगा. इस दौरान सारे नियम का पालन किया जाएगा ताकि मरीज और बच्चा संक्रमित नहीं हो. वहीं, पेलावल स्थित लाइफ केयर अस्पताल में सर्जरी, नेत्र, हड्डी, मनोचिकित्सा, चर्म रोग विभाग के सभी ओपीडी संचालित किए जाएंगे.

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इस बाबत अस्पताल के साथ एमओयू भी किया गया है. इस बाबत हजारीबाग में मेडिकल रिस्पांस टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है. जिसके प्रभारी डीएफओ वाइल्डलाइफ दिलीप कुमार है. इसके तहत वैसे निजी अस्पताल का चयन किया जाएगा जो आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत हैं और निशुल्क इलाज करने के लिए तैयार हैं. चयनित अस्पतालों में लाभुक से पूर्व की भांति ₹10 की राशि टोकन के रूप में ली जाएगी. अगर हजारीबाग का कोई अन्य अस्पताल जो आयुष्मान भारत के तहत रजिस्टर्ड है और निशुल्क सेवा देना चाहता है तो उसका भी स्वागत इस योजना में किया जाएगा.

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