हजारीबागः शिक्षण संस्थान आज के समय में सबसे बड़ा व्यवसाय बन गया है. इस व्यवसाय ने हजारों लोगों को रोजगार भी दिया. जिससे शिक्षकों का परिवार भी चलता है, लेकिन कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय पर ऐसा प्रहार किया है कि विगत 14 महीने से छोटे बच्चों के स्कूल बंद है. जिसके कारण अब छात्र और उनके अभिभावक दोनों परेशान हैं.
छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने की मांग, अभिभावकों ने कहा- घट रहा बच्चों के शिक्षा का स्तर - हजारीबाग में निजी स्कूल
हजारीबाग में 14 महीने से छोटे बच्चों के स्कूल बंद होने के कारण स्कूल प्रबंधकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी काफी परेशानी हो रही है. अभिभावकों का कहना है कि बच्चे घर में रहते रहते बोर हो रहे हैं. उनका शिक्षा का स्तर भी घटता जा रहा है.
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अभिभावकों ने की स्कूल खोलने की मांग
अभिभावकों का कहना है कि अब काफी समय हो गया है, स्कूल खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि अब बच्चे घर में रहते रहते बोर हो रहे हैं. उनका शिक्षा का स्तर भी घटता जा रहा है. बच्चे छोटे स्कूल में पढ़ते है, इसलिए वहां विशेष सुविधा भी नहीं मिल पाती है. अभिभावकों का कहना है कि कई छोटे स्कूल हैं, जो शिक्षा का व्यवसाय कर रहे हैं, जिन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया है. लेकिन कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. वहीं, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल बंद होने से उनकी भी माली हालत खराब हो रही है. बड़े स्कूलों ने तो इस परिस्थिति में खुद को संभाल लिया, लेकिन छोटे स्कूल का हाल बेहाल हैं. ऐसे में स्कूल चलाना अब चुनौती से कम नहीं है. जरूरत है स्कूल खोलने की ताकि फिर से यह स्कूल अपने पैरों पर खड़े हो सकें और जिन लोगों को रोजगार खत्म हुआ है वे पुनः रोजगार में जुड़ सकें.