हजारीबागः जिले के संत कोलंबस कॉलेज के पास फुटबॉल स्टेडियम में एक मजदूर की संदेहास्पद स्थिति में प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच सेंटर में मौत को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है.
और पढ़ें- राजस्थान से 946 प्रवासी मजदूर पहुंचे डालटनगंज, बुधवार को एक और स्पेशल ट्रेन पहुंचेगी पलामू
इस मामले में ऐसी जानकारी मिल रही है कि विगत दिनों सिविल सर्जन और सुपरिटेंडेंट का तबादला कार्रवाई का ही प्रतिफल है. वहीं आज हजारीबाग के उपायुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच के दौरान जो भी दोषी पाएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी.
17 मई को गुड़गांव से लौटा था
हजारीबाग जिला प्रशासन प्रवासी मजदूर की मौत को लेकर गंभीर हो गई है. दरअसल बैजनाथ नाम का 25 वर्षीय प्रवासी मजदूर की अचानक मौत हो गई थी. मौत को लेकर हजारीबाग के उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने सरकार को भी इस घटना की जानकारी दे दी है. हजारीबाग एसडीओ के जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. साथ ही साथ सिविल सर्जन भी इस मामले को लेकर जांच करेंगे जो भी व्यक्ति दोषी होंगे उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. विभिन्न सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि यह प्रवासी मजदूर गुड़गांव से 17 मई को आया और अपने घर इचाक चला गया था. फिर वहां से वह हजारीबाग जिला प्रशासन की ओर से चयनित अस्पताल लाइफ केयर में गया और इलाज कराया. इलाज करने के बाद फिर से वो प्रशासन के बनाए हुए कैंप में पहुंचा और उसकी मौत हो गई. यह भी जानकारी मिल रही है कि रात में उसे पेट में दर्द हुआ और उसे एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराया जा सका और उसकी मौत हो गई. ऐसे में पूरा स्वास्थ्य महकमा सवालो के घेरे में है क्योंकि जहां मौत हुई है वहां पदाधिकारी और डॉक्टरों की फौज रहती है. ऐसे में कोई व्यक्ति की मौत हो जाए और उसे प्रारंभिक स्वास्थ्य लाभ भी ना मिले यह कई सवाल खड़े करते हैं.
मृतक का स्वाब लेकर टेस्ट के लिए भेजा गया है. अगर रिजल्ट नेगेटिव आता है तो उसका दाह संस्कार साधारण नियम से किया जाएगा. अगर पॉजिटिव आया इसके लिए अलग नियम बनाए गए हैं. प्राप्त सूचना के अनुसार अब तक मृतक के कोई भी परिजन शव लेने के लिए प्रशासन के पास नहीं पहुंचे हैं.