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जल स्रोत पर अवैध कब्जे से लोगों में नाराजगी, कांग्रेस ने जल सत्याग्रह कर जताया विरोध

हजारीबाग में भू-माफिया काफी सक्रिय हो गए हैं. जल स्रोत और उसके आसपास की जमीन भू-माफिया की ओर से बेच दी गई है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जल सत्याग्रह कर विरोध दर्ज किया है. समस्या के समाधान के लिए झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर करने की बात कही गई है.

Congress workers protested in hazaribag
इन मुद्दों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जल सत्याग्रह कर जताया विरोध, स्थानीय सांसद और विधायक को भी घेरा

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Published : Aug 25, 2021, 5:48 PM IST

हजारीबाग: जल स्रोत और उसके आसपास के क्षेत्र को भू-माफिया की ओर से अतिक्रमण कर बेच दिया गया है. वहीं, झील की स्थिति बद से बदतर हो रही है. इन दो मुद्दों को लेकर हजारीबाग कांग्रेस (Hazaribag Congress) के कार्यकर्ताओं ने जल सत्याग्रह कर अपना विरोध दर्ज किया है.





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कोर्ट जाने की कही बात
हजारीबाग में हाल के दिनों में भू-माफिया काफी सक्रिय हुए हैं. आलम ये है कि जल स्रोत और उसके आसपास की जमीन भू-माफिया की ओर से बेच दी गई है. ऐसे में यहां का पर्यावरण भी प्रभावित हुआ है. यही नहीं, हजारीबाग का आकर्षण झील से है. झील में भी इन दिनों जलकुंभी का भरमार है. झील का शायद ही किसी कोने में पानी दिखेगा. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जल सत्याग्रह कर विरोध दर्ज किया है. कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द झील साफ कराई जाए और जल स्रोत के आसपास किए गए अतिक्रमण क्षेत्र को मुक्त किया जाए. उन्होंने इस बात का ऐलान भी किया कि अगर प्रशासन हजारीबाग में झील की सफाई और अतिक्रमण मुक्त नहीं कराएंगे, तो वे झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर करेंगे.

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स्थानीय सांसद और विधायक का घेराव

इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हजारीबाग सांसद (Local MP of Hazaribag) और विधायक का भी घेराव किया. उन्होंने कहा कि हजारीबाग में जिस तरह से भू-माफिया हावी हैं. ऐसे में यहां के जनप्रतिनिधि ने कभी भी उनके खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया है. भू-माफिया जमीन बेधड़क बेचते जा रहे हैं. आलम यह है कि अंचल कार्यालय भी अब भू-माफिया की गिरफ्त में आ चुका है. वहीं, हजारीबाग झील की दुर्दशा पर उन्होंने कहा कि हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की (Hazaribagh Municipal Corporation Mayor Roshni Tirkey) भी बीजेपी की है, लेकिन उन्होंने भी झील पर कभी भी ध्यान नहीं दिया. वहीं, पार्टी ने प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है कि हर दिन यहां सैकड़ों लोग स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए पहुंचते हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी भी झील को लेकर गंभीर नहीं हैं.


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