हजारीबाग: जिले के चौपारण प्रखंड मुख्यालय स्थित स्टेडियम में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में टाइगर जयराम महतो ने एक बार फिर 1932 आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर आवाज बुलंद की. उन्होंने झारखंड सरकार के खिलाफ गरजते हुए कहा कि झारखंड में 60-40 नाय चलताऊ. उन्होंने कहा कि राजनीतिक चेतना की कमी के कारण बाहरी लोग हमें लूट रहे हैं. यह यहां के लोगों की गलती है कि उन्होंने यहां के बेटे को नेतृत्व करने का मौका नहीं दिया.
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जयराम महतो ने चुनौती देते हुए कहा कि झारखंड के सांसद-विधायक नीति ठीक से लिख दें तो वे आंदोलन वापस ले लेंगे. उन्होंने हाल ही में मुंबई में उनके द्वारा की गई बैठकों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सदन में आपकी बात रखने वाला झारखंड का बेटा जब तक नहीं जायेगा तब तक झारखंड के विकास की बात नहीं होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड कठिन दौर में है. दो दशक बाद भी झारखंड में झारखंडियों के लिए नीतियां नहीं बन सकी हैं. आज तक स्थानीय नीति को खतियान आधारित नहीं बनाया जा सका है. अभी तक नियोजन नीति भी नहीं बन पायी है. झारखंड की जमीन लूटी जा रही है. 60-40 नियोजन नीति झारखंड की जनता को स्वीकार्य नहीं है. ऐसे में सभी झारखंडवासियों को एकजुट होकर यह लड़ाई लड़नी होगी. नहीं तो सब कुछ लूट जायेगा.
साजिश के तहत झारखंड को किया जा रहा बर्बाद:वहीं कार्यक्रम में मौजूद संजय मेहता ने कहा कि एक साजिश के तहत झारखंड को बर्बाद किया जा रहा है. 1995 के बाद से बरही विधानसभा में किसी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं की, लेकिन अगर किसी ने लड़ी भी तो खून की नदियां बह गईं. उन्होंने गौ तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी पर भी कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि आपके मन में यह सवाल उठना चाहिए कि कोई झारखंड के बाहर से आकर यहां सांसद या विधायक कैसे बन जाता है. उन्होंने जयराम महतो के कार्यों की सराहना करते हुए आगामी 2024 के चुनाव में उनके हाथ मजबूत करने में सहयोग की अपील की.
वहीं सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सह प्रखर वक्ता भुनेश्वर यादव ने कहा कि झारखंड को बिहार से अलग हुए 23 साल हो गये, लेकिन हम झारखंडवासियों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं. इसका कारण यह है कि यहां बाहर के लोग सत्ता में आ गये हैं. यहां के अधिकांश सांसद और विधायक झारखंड के बाहर के निवासी हैं. इसलिए दूसरे राज्य के लोगों को मौका न दें.