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हेमंत सरकार में 10 हजार करोड़ का हुआ है घोटाला! बाबूलाल मरांडी का बड़ा आरोप, कहा- जनता को जवाब दें सीएम - हजारीबाग न्यूज

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर 10 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है इस सरकार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले है. हजारीबाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये बातें कही.

BJP state president Babulal Marandi
BJP state president Babulal Marandi

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2023, 2:22 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 2:47 PM IST

बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

रांची/हजारीबागः डुमरी उपचुनाव के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. हजारीबाग सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बीते तीन सालों में घोटालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. घोटाला करना, घोटालेबाजों को बचाना, घोटाले में हिस्सा लेना, दलाल माफियाओं के सहारे पैसे कमाना ही इस सरकार का मुख्य काम रह गया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह सवाल अब तो झारखंड के पढ़े लिखे युवा ही नहीं, गांव देहात के चौक चौराहे पर भी लोग पूछने लगे हैं. हेमंत सोरेन को इन सवालों का जवाब झारखंड की जनता को देना ही होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने जेल में बंद चेले पंकज मिश्रा के माध्यम से जांच रुकवाने सुप्रीम कोर्ट गये हुए हैं. थोड़ा और इंतजार करिये और देखते जाइए.

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बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि 550 करोड़ के मनरेगा घोटाला के अलावा 1500 करोड़ का उद्योगों के लिये आवंटित कोयला का घोटाला, 1500 करोड़ का अवैध खनन घोटाला, 3000 करोड़ का ग्रामीण विकास के लिए आवंटित फंड के दुरुपयोग का घोटाला, 3000 करोड़ से भी ज्यादा का भूमि घोटाला, 800 करोड़ का टेंडर घोटाला, 100 करोड़ से भी ज्यादा का ट्रांसफर/पोस्टिंग घोटाला और 1500 करोड़ का शराब घोटाला शामिल है. इस तरह 10 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला इस सरकार में हो चुका है. कोयला, बालू जैसे खनिज सम्पदा की महालूट में क्या क्या हुआ है, यह उजागर होना अभी बाकी है.

सोरेन परिवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जांच में यह पता चला है कि हेमंत सोरेन और उनके परिवार द्वारा बलपूर्वक आदिवासियों की जमीन कब्जा करने, कौड़ी के भाव नामी-बेनामी जमीन खरीदने के अनेकों मामले पकड़ में आ चुके हैं. नाम तक बदल-बदल कर आदिवासी जमीन इस महाजन सोरेन परिवार ने हड़पे हैं. ऐसे जमीनों का खुलासा तो चुनावी हलफनामे में भी नहीं किया गया है. उनका दावा है कि जांच में रांची में हेमंत सोरेन की 100 करोड़ मूल्य की एक 8.5 एकड़ की एक ऐसी जमीन पकड़ में आयी है जो 16 लोगों के नाम से है. जांच और छापामारी में मिले हेमंत सोरेन के ऐसे ही जमीनों के बारे में पूछताछ के लिये ईडी उन्हें बुला रही है लेकिन वे पूछताछ से भाग रहे हैं. क्योंकि ऐसी जमीन के बारे में उनके पास कोई जवाब है ही नहीं.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अगर 06 मई, 2021 को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की कार्रवाई मनरेगा मामले में शुरू नहीं हुई होती तो पूजा सिंघल समेत कई लोग पकड़े नहीं जाते. नोटों का भंडार नहीं पकड़ाता तो राज्य को हेमंत सोरेन आज घोटाले के मामले में कहां पहुंचा देते? उनका दावा है कि मनरेगा में आगे और जांच होगी तो न जाने और कितने नये घोटाले उजागर होंगे. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों की सूचना के बाद भी राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है. बल्कि घोटालेबाजों को जेल से लेकर बाहर तक महंगे वकील रखकर रांची से लेकर दिल्ली तक मदद कर घोटालों पर पर्दा डालने और घोटालेबाजों को बचाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि अब तो खनन घोटाले की जांच में न्यायालय के आदेश से सीबीआई भी आ गई है. जब इंजीनियर विरेंद्र राम और उनसे जुड़े ठिकाने पर छापामारी हुई, तो झारखंड सरकार ने विरेंद्र राम के विभागों से जुड़े करीब 3 हजार करोड़ के छह सौ टेंडर रद्द कर दिए. लेकिन इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की. अगर गलती नहीं थी तो टेंडर क्यों रद्द किया गया? अगर रद्द किया गया तो आगे राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों से लिखित जानकारी मिलने और कार्रवाई के लिये कहने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की ? बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि अगर विरेंद्र राम पकड़े नहीं जाते तो टेंडर रद्द नहीं होता. टेंडर रद्द नहीं होता तो इस 3000 करोड़ में से सीधे 15 परसेंट के हिसाब से 450 करोड़ रूपया सीधे दलालों, कुछ अफसरों और सत्ताधारियों की जेब में चला जाता, जिसे ईडी की कार्रवाई ने बचा लिया.

बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि उद्योग के कोल लिंकेज घोटाले में ईडी ने हजारीबाग के इजहार अंसारी और उनसे जुड़े ठिकाने पर छापामारी की. करीब 4 करोड़ नगद पकड़े. जांच में पता चला कि पूजा सिंघल के सौजन्य से इस सरकार ने इजहार की 13 कंपनियों को 38258 टन कोयला का आवंटन किया था. ये रियायती दर का कोयला उद्योग के लिये आवंटित था, जिसे बनारस की मंडियों में बेच दिया गया. यह घोटाला ईडी की पकड़ में आया तो झारखंड सरकार ने ऐसे 142 संस्थान का कोयला आवंटन रद्द कर दिया. लेकिन इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की. अगर घोटाला नहीं हो रहा था तो रद्द क्यों किया ? अगर केंद्रीय एजेंसियों की पकड़ में आने के बाद रद्द किया तो आगे कार्रवाई क्यों नहीं की?

बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि राज्य में जमीन घोटाले का सारा रिकॉर्ड टूट गया है. राज्य सरकार की जमीन के साथ ही सेना तक की ज़मीन को जाली और फर्ज़ी कागज़ बनवाकर इस सरकार ने दलाल, बिचौलिया और माफिया के साथ मिलकर बेच खाया. ऐसे कई मामले ईडी द्वारा पकड़े गये हैं. जांच बढ़ेगी तो और लोग आगे पकड़े जायेंगे. कई सरकारी, गैर सरकारी लोग जेल गये हैं.

उनका आरोप है कि इस सरकार में एक नहीं दो-दो शराब घोटाले हुए. पहले वाले घोटाले से रिश्वत कम मिल रहा था तो छत्तीसगढ़ से टीम लाकर और बड़ा घोटाला किया गया. उन्होंने कहा है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का गोरखधंधा कैसे चलता था और चलता है? इसका एक छोटा सा नमूना राजीव अरुण एक्का और विशाल चौधरी कथा के सप्रमाण खुलासे से हुआ है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद जयंत सिन्हा, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह, विधायक मनीष जायसवाल, जिलाध्यक्ष अशोक यादव भी मौजूद थे.

Last Updated : Sep 5, 2023, 2:47 PM IST

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