हजारीबाग: जिले के बड़कागांव अंतर्गत पकरी-बरवाडीह एनटीपीसी कोल माइंस का कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग कार्य 22 दिनों के बाद सुचारू रूप से चालू हो गई है. पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से रोजगार, मुआवजा और अन्य सुविधा की मांग को लेकर 3 जुलाई से कोयला ट्रांसपोर्टिंग कार्य को बंद करा दिया गया था.
बड़कागांव NTPC में कोयला खनन एवं ट्रांसपोर्टिंग कार्य शुरू, 22 दिनों के बाद खत्म हुआ मजदूरों का धरना - बड़कागांव एनटीपीसी के मजदूरों का धरना खत्म हुआ
हजारीबाग के बड़कागांव स्थित पकरी-बरवाडीह एनटीपीसी कोल माइंस 22 दिन के बाद फिर से खुल गया है. पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से रोजगार, मुआवजा और अन्य सुविधा की मांग को लेकर 3 जुलाई से कोयला ट्रांसपोर्टिंग कार्य को बंद कर दिया गया था. अब विधायक, जिला प्रशासन और एनटीपीसी के अधिकारियों की पहल पर फिर से यहां काम होने लगा है.
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कोयला ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद होने के कारण एनटीपीसी ने खुद कोयला खनन भी 6 जुलाई से बंद कर दिया था. ग्रामीणों के इस आंदोलन को क्षेत्र की विधायक अंबा प्रसाद सहयोग कर रही थी. विधायक अंबा प्रसाद के नेतृत्व में ही राज्य सरकार के भूतत्व एवं खनन विभाग ने रांची स्थित नेपाल हाउस में दो चरणों में त्रिपक्षीय वार्ता कर एक जांच कमेटी का गठित कार्रवाई थी. कमेटी में हजारीबाग उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त अध्यक्ष, हजारीबाग उपायुक्त, विधायक अंबा प्रसाद और एनटीपीसी के ईडी सदस्य मनोनीत किए गए थे.
इस कमेटी ने 24 जुलाई को हजारीबाग स्थित सर्किट हाउस में एक बैठक के बाद धरना स्थल पहुंचकर ग्रामीणों से बात की और धरना प्रदर्शन को स्थगित करवाया. साथ ही 20 अगस्त तक कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग करने पर सहमति भी बनाई. इस बीच कमेटी की ओर से सभी बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी. ग्रामीणों की मांग और सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप यदि एनटीपीसी सहमति देगी तो कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग कार्य निरंतर चलती रहेगी, अन्यथा 20 अगस्त के बाद ग्रामीण पुनः आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. ग्रामीणों के आंदोलन के कारण खनन एवं ट्रांसपोर्टिंग कार्य 3 जुलाई से 24 जुलाई तक ठप रहा.