हजारीबाग:झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मोटर वाहन दुर्घटना दावा वादों से संबंधित कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया. इस कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य के अलावा न्यायाधीश, पुलिस और विभिन्न बीमा कंपनी के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.
झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर कार्यशाला का आयोजन, लोगों को संशोधित मोटर अधिनियम की दी गई जानकारी - कार्यशाला का उद्देश्य 2019 में मोटर वाहन के नियम को समझाना
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में हजारीबाग में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से रविवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्देश्य 2019 में मोटर वाहन के नियम में जो संशोधन आया है, इसको लेकर पदाधिकारी, विभिन्न बीमा कंपनी और पुलिस पदाधिकारियों को जानकारी देना था. इस कार्यशाला में मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के न्यायधीश ने हिस्सा लिया.
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इस कार्यशाला में न्यायाधीश के साथ-साथ हजारीबाग पुलिस के विभिन्न पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और कानून की बारीकी को समझा. दरअसल, दुर्घटना के बाद क्लेम के समय कई तरह की समस्या आती है. पुलिस पदाधिकारी जानकारी के अभाव में सही से जांच नहीं कर पाते हैं. जिसके कारण संशोधित नियम के अनुसार बीमा देने के वक्त समस्या आती है. इसे दूर करने के लिए यह कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण थी. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप निशित बाड़ा ने कहा कि यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण है. मोटर वाहन दुर्घटना के मुआवजे को देने को लेकर विभाग और आम लोगों को काफी सहायक होगा. जिस तरह से हाल के दिनों में वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में काफी अधिक वृद्धि हुई है. ऐसे में यह कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण होगा. जरूरत है संशोधित नए नियम की जानकारी लेने की.