हजारीबाग:शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नए सत्र से पढ़ाई पर संशय बरकरार है. यहां पढ़ाई शुरू करने लायक बुनियादी सुविधा तैयार है या नहीं, यह परखने के लिए एनएमसी की टीम एक माह में दो बार दौरा कर चुकी है. लेकिन अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सकों की भर्ती समेत कई कमियां अभी मानकों पर खरी नहीं हैं. इससे पढ़ाई शुरू होने की हरी झंडी मिलने पर संकट मंडरा रहा है. बहरहाल, एनएमसी की टीम ने निरीक्षण कर(inspection of Sheikh Bhikhari Medical College) लिया है, वह अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी. इसके बाद ही फैसला होगा कि हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस वर्ष छात्रों का एडमिशन होगा या नहीं.
क्यों कॉलेज संचालन में आ सकती है दिक्कत
इधर, हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने शेख मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नियुक्ति न किए जाने को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. सांसद जयंत सिन्हा का आरोप है कि सरकार की लापरवाही के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्होंने जो सुविधाएं मेडिकल कॉलेज में मुहैया कराईं थीं, एनएमसी की टीम ने अच्छा माना है. लेकिन जो फैकल्टी की बहाली की जानी चाहिए थी, राज्य सरकार ने उसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. यहां कॉलेज संचालन के लिए 140 फैकल्टी की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 95 फैकल्टी है. इससे कॉलेज शुरू करने के लिए मंजूरी मिलने में दिक्कत हो सकती है. यह राज्य सरकार की उदासीनता को बताता है.
निरीक्षण टीम जता चुकी है आपत्ति
इस वर्ष शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिशन से पहले एनएमसी की टीम 1 महीने में दो बार और अब तक लगभग 5 बार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण (inspection of Sheikh Bhikhari Medical College)कर चुकी है. इस दौरान टीम ने बार-बार यहां मूलभूत सुविधा को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं कराया जा सका. इससे नए सत्र में नामांकन पर खतरा मंडरा रहा है.