हजारीबाग:देश 15 अगस्त रविवार को 75 वां स्वतंत्रता दिवस(75th independence day celebration in hazaribag) मना रहा है. हर ओर जश्न ए आजादी की धूम है. इस कड़ी में हजारीबाग में स्कूली बच्चों ने अनोखे ढंग से स्वतंत्रता दिवस मनाया. हाथों में तिरंगा और पैरों में स्केटिंग शूज पहनकर (Children skated with tricolor in Hazaribag)उन्होंने एक से बढ़कर एक करतब दिखाए.
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15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था.आज हम आजादी की वर्षगांठ मना रहे हैं. देश उन शहीदों को नमन कर रहा है जिन्होंने अपना जीवन देश पर न्योछावर कर दिया. इस बीच हजारीबाग के झील परिसर में छोटे-छोटे बच्चे हाथ में तिरंगा लेकर उत्सव मनाया. उन्होंने पैर में स्केटिंग शूज पहनकर पूरे झील का चक्कर लगाया और भारत माता की जय के घोष से पूरी फिजा को गुंजायमान कर दिया.
ऐसे मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह
दरअसल, झील परिसर में ही स्कूल के बच्चों को स्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां शहर के कोने-कोने से बच्चे पहुंचते हैं. प्रशिक्षण का लगभग 1 साल पूरा हो चला है. ऐसे में बच्चे भी स्केटिंग करने में निपुण हो रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस पर प्रशिक्षक ने बच्चों और उनके अभिभावकों को नए अंदाज में आजादी का जश्न मनाने का सुझाव दिया. इस पर अभिभावकों ने मंजूरी दी तो सभी ने मिलकर स्केटिंग की और स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया.
हजारीबाग में नन्हे-मुन्नों ने लहराया राष्ट्र ध्वज हजारीबाग में नन्हे-मुन्नों ने लहराया राष्ट्र ध्वज बच्चों ने गाया राष्ट्रगान सबसे पहले छोटे-छोटे बच्चों ने राष्ट्रगान गाया और तिरंगे को सलामी दिया. बाद में एक दूसरे को आजादी की शुभकामना दी. इस दौरान बच्चों ने कहा कि हम सब एक हैं. कुछ बच्चों ने कहा कि आज हम अपने स्कूल को बहुत मिस कर रहे हैं. आज के दिन हम लोग स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाते थे और कार्यक्रम का आयोजन होता था. लेकिन स्कूल बंद हैं. हम लोग यहां स्केटिंग सीखने आते हैं. अपने दोस्तों के साथ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं.
हजारीबाग में नन्हे-मुन्नों ने लहराया राष्ट्र ध्वज हजारीबाग में नन्हे-मुन्नों ने लहराया राष्ट्र ध्वज हजारीबाग में नन्हे-मुन्नों ने लहराया राष्ट्र ध्वज ये भी पढ़ें-पारंपरिक हथियारों के दम पर अंग्रेजी हुकूमत को झुकने पर कर दिया था मजबूर, आदिवासियों से थर-थर कांपते थे ब्रिटिशर्स
ओलंपिक में खेलें
प्रशिक्षक अकरम कहते हैं कि हम लोग बहुत ही मेहनत से बच्चों को स्केटिंग सिखा रहे हैं. आज कई खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल लेकर अपना देश लौटे हैं. हमारी कोशिश है कि इनमें से कुछ बच्चे ऐसे तैयार हों जो भविष्य में देश के लिए ओलंपिक खेलें. जरूरत है सिर्फ और सिर्फ बच्चों को प्रोत्साहित करने का. वहीं उनका यह भी कहना है कि आज के दिन हम बच्चों को यह बता भी रहे हैं कि हमें मिलजुल कर रहना है और देश की तरक्की के लिए सबको काम करना है.हमारा देश ही हमारी पहचान है.