हजारीबागः जिले के दीपू गड़ा में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए बनाए गए 250 फ्लैट अब ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. झारखंड में कमीशनखोरी के कारण बहुत सी ऐसी योजनाएं आनन-फानन में शुरू कर दी जाती हैं, लेकिन योजनाओं के पूर्ण होने के बाद उसे असली अमलीजामा बनाने का कोई प्रयास नहीं किया जाता है.
यही वजह है कि करोड़ों रुपए की लागत का बना भवन बेकार हो जाता है. ऐसा ही कुछ हाल हजारीबाग हाउसिंग बोर्ड का है. हजारीबाग के दीपू गढ़ा में बनाई गई हाउसिंग बोर्ड योजना पूरी तरह से फेल होती नजर आ रही है.
रघुवर सरकार में बड़े ही तामझाम के साथ यहां फ्लैट बनाए गए थे. तत्कालीन मंत्री सीपी सिंह नगर विकास एवं आवास विभाग तथा परिवहन मंत्री ने इसका शिलान्यास किया था. 24 मई 2017 को बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें आवास बोर्ड के अध्यक्ष जानकी प्रसाद यादव भी उपस्थित रहे, लेकिन आज यहा 250 फ्लैट धूल फांक रहे हैं.
जर्जर होती जा रही बिल्डिंग
योजना के पूर्ण होने के 1 साल से अधिक समय बीत चुका है. बावजूद बने हुए फ्लैट की बिक्री नहीं हो पाई है. धीरे-धीरे इन फ्लैट की चमक-दमक भी कम होती जा रही है, रंगरोगन भी उड़ता जा रहा है.
अगर कुछ दिन और ऐसे ही छोड़ दिया गया तो यह पूरा भवन टूटने-फूटने लगेगा और खंडहर में तब्दील भी हो जाएगा. ऐसे में हजारीबाग के पूर्व सांसद ने इस मुद्दे पर सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इसे आवंटित कर दिया जाए ताकि जिस उद्देश्य से फ्लैट बनाए गए हैं उसकी पूर्ति हो सके.