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जिला विधिक सेवा प्राधिकार का वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम, तीन जिलों के वॉलिंटियर हुए शामिल

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Published : Sep 5, 2020, 5:39 PM IST

गुमला में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला के ओर से वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गई. इस दौरान लोक अदालत के सदस्य के द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई.

Virtual online training program in Gumla
गुमला व्यवहार न्यायालय

गुमला: झालसा रांची एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला के संजय कुमार चंधरियावी के निर्देश पर शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला के द्वारा वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम पारा लीगल वालंटियर गुमला, लातेहार और खूंटी जिले के लिए आयोजित की गई. इस दौरान लोक अदालत के सदस्य के द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई.


जानकारी दी गई कि इस अधिनियम के अंतर्गत 21 वर्ष से कम आयु के पुरुष या 18 वर्ष से कम आयु की महिला के विवाह को बाल विवाह की श्रेणी में रखा जाएगा. इस अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह को दंडनीय अपराध माना गया है. इसके साथ ही बाल विवाह करने वाले व्यस्क पुरुष या बाल विवाह को संपन्न कराने वालों को इस अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास या एक लाख रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा से दंडित किया जा सकता है, लेकिन किसी महिला को कारावास से दंडित नहीं किया जाएगा.

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जानकारी दी गई कि इस अधिनियम के अंतर्गत अवयस्क बालक के विवाह को अमान्य करने का भी प्रावधान है. आज की वर्चुअल ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में तीनों जिला के पैरा लीगल वालंटियर के साथ-साथ तीनों जिलों के विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव और लोक अदालत के सदस्य उपस्थित थे.

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