गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र के सिसकारी गांव में 20 जुलाई की रात अंधविश्वास के चक्कर में 4 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में एक दंपति सहित एक महिला और एक पुरुष शामिल थे. चारों की हत्या से पूर्व पहान-पुजार की अगुवाई में रात में गांव के अखाड़ा में एक बैठक की गई थी. बैठक खत्म होने के बाद चारों पर ओझा-गुणी का आरोप लगाते हुए गांव को बिगाड़ने का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.
हत्या के बाद मृतक सुना उरांव की बेटी ने गांव के 16 लोगों पर नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. फिलहाल पुलिस के डर से हर कोई गांव से भाग गया है. गांव के दूसरे टोले की महिलाओं ने दबी जुबान हत्या की वजह बताई. दरअसल, इस हत्याकांड में मारे गए दंपति चांपा भगत एवं पीरों देवी की बहू नेहा भी ओझा का काम करती थी. वह चाहती थी कि उसके सास-ससुर ओझा गुनी का काम छोड़ दें ताकि उसका कारोबार अच्छे से चले. इस बात को लेकर पिछले कई महीनों से नेहा की अपने सास-ससुर से लड़ाई झगड़े हो रहे थे. जब सास-ससुर ने ओझा-गुनी का काम नहीं छोड़ा तो वह अपने पति के साथ अलग रहने लगी थी.
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