गुमला: दो साल की वंशिका सरना चार दिन पहले इस दुनिया से विदा ले चुकी है. लेकिन विदा होने के बावजूद इस मासूम बच्ची ने दो लोगों की जिंदगी में रोशनी फैलाई है. जिसके कारण वंशिका के माता-पिता और दादा-दादी वंशिका के जाने के बाद भी हमेशा उसे अपने पास होने का एहसास महसूस कर रहे हैं. गुमला शहरी क्षेत्र के बैंक कॉलोनी दुंदुरिया में वंशिका का घर है. इसके साथ ही शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर घटगांव पंचायत में स्थित डुमरडांड़ में उसके दादा की लगभग 5 एकड़ भूमि में बगान है, जहां वंशिका को मिट्टी दी गई है.
कौन थी वंशिका सरना
वंशिका सरना गुमला जिला की रहने वाली थी. वंशिका के दादा रिटायर अधिकारी हैं, जो गुमला में डीडीसी के पद में रह चुके हैं. वहीं, वंशिका की मां सिसई प्रखंड क्षेत्र के नागफेनी गांव में स्थित झारखंड ग्रामीण बैंक की कैशियर की पद पर काम करती हैं. वंशिका के पिता नेतरहाट विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद कई डिग्रियां हासिल कर अभी अपने खुद के कार्यों में लगे हुए हैं.
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16 जुलाई को हुई थी मौत
दरअसल, 16 जुलाई को वंशिका अपनी फ्रेंड के साथ गुमला के दुंदुरिया बैंक कॉलोनी स्थित अपने मकान की बालकनी में खेल रही थी. उसकी मां ड्यूटी के लिए जा चुकी थी. जबकि पिता और दादा घर पर ही थे. वंशिका जिस समय बालकनी में खेल रही थी, उस समय उसके पिता भी वहीं पर मौजूद थे. मगर किसी काम से 2 मिनट के लिए कमरे के अंदर गए. इसी बीच वंशिका बालकनी से नीचे जमीन पर जा गिरी. जिसके कारण उसके सिर पर गंभीर चोट लगी. जैसे इसकी जानकारी वंशिका की फ्रेंड ने उसके पिता को दी. सभी आनन-फानन में नीचे दौड़े और फिर वंशिका को लेकर सीधे अस्पताल पहुंचे. चिकित्सकों ने उसका इलाज कि, मगर अंदरूनी चोट होने की वजह से डॉक्टर इसे ठीक से पकड़ नहीं पाए. इसके बाद वंशिका के माता-पिता ने तुरंत उसे लेकर बेहतर इलाज के लिए रांची निकल पड़े. जैसे ही वे रांची शहर के अंदर प्रवेश किए. इसी बीच वंशिका आखिरी सांस ले चुकी थी. जिस का आभास उसके माता-पिता और अन्य परिजनों को हो चुका था. इसके बावजूद परिजन उसे एक निजी नर्सिंग होम ले गए, जहां चिकित्सकों ने वंशिका को मृत घोषित कर दिया.
'गर्व महसूस हो रहा है'