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गुमला नरसंहार से पहले ग्रामीणों ने की थी बैठक, एसपी ने कथित वीडियो क्लिप किया जारी - ग्रामीणों ने बनाई हत्याकांड की योजना

गुमला के बुरुहातु (पहाड़गांव) आमटोली में 23 फरवरी को पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी. घटना से पहले ग्रामीणों की बैठक का कथित वीडियो एसपी ने मीडिया से शेयर किया है. जिसमें स्थानीय भाषा में ग्रामीण बात करते दिख रहे हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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ग्रामीणों की बैठक

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Published : Mar 1, 2021, 7:43 PM IST

गुमला: जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में सरिता पंचायत के बुरुहातु (पहाड़गांव) आमटोली में 23 फरवरी को पांच लोगों की धारदार हथियार से नृशंस हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी पुलिस प्रशासन को कई अहम सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर इस कांड में शामिल 8 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. इस नरसंहार मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. पांच लोगों की हत्या से पहले ग्रामीणों ने बैठक की थी, जिसका कथित वीडियो सामने आया है. इस वीडियो को एसपी एचपी जनार्दनन ने मीडिया से शेयर किया है, जिसमें स्थानीय भाषा में ग्रामीण बात करते दिख रहे हैं. इस मामले में अब यह स्पष्ट हो गया है कि ग्रामीणों ने मिल जुल कर ही घटना को अंजाम दिया है.

ग्रामीणों की बैठक का वीडियो

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ऐसे बनी थी हत्याकांड की योजना
मामले की तहकीकात में पुलिस को हत्याकांड से एक दिन पहले 23 फरवरी को गांव के फुटबॉल मैदान में ग्रामीणों की बैठक का वीडियो क्लिप हाथ लगी है. वीडियो में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है, कि बैठक में 50 से ज्यादा लोग उपस्थित हैं, जिसमें लगभग 50 वर्षीय एक व्यक्ति मुंडारी भाषा में चिल्ला-चिल्ला कर एक बुजुर्ग व्यक्ति से कह रहा है की तुम लोग गांव में डायन हो, तुमलोग मजाक समझ रहे हो, गांव को परेशान कर रहे हो, तुम बताव और चार लोग कौन-कौन हैं, हमलोग इतना सबूत दे रहे हैं, लेकिन तुम नहीं समझ रहे हो. उस व्यक्ति ने बुजुर्ग को बैठक में उपस्थित लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगने को कहा, जिसके बाद बुजुर्ग को तीन चार तमाचे जड़ दिए.

ग्रामीणों को समझाती कांग्रेस नेता



ग्रामीणों ने बनाई हत्याकांड की योजना
गांव में पिछले कुछ दिनों कुछ लोगों और पालतू जानवरों की मौत हुई थी. कुछ लोगों को छोटी मोटी बीमारियां भी हुई, जिसके बाद से ग्रामीणों को शक हुआ कि गांव के ही कुछ लोग जादू टोना का काम कर रहे हैं.

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ग्रामीणों ने की हत्यारों को बचाने की कोशिश
हत्याकांड के बाद गांव में पुरुष न के बराबर नजर आ रहे थे, लेकिन महिलाएं काफी संख्या में दिख रही थी. प्रशासन के मौजूदगी के बाद भी महिलाएं मृतकों के घर के कुछ ही दूरी पर मुखदर्शक बनकर दिन भर बैठे रहे, लेकिन घटना के संबंध में पूछने पर सभी ने खुद को घटना से अनभिज्ञ बताया. उनके चेहरे से ये स्पष्ट मालूम पड़ रहा था कि घटना की उन्हें पूरी जानकारी है और वे घटना से दुःखित होकर नहीं, बल्कि घटना के बाद प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्रवाई की जानकारी लेने को बैठे हैं. घटना के बाद ग्रामीणों ने सिर्फ मुंडारी भाषा का प्रयोग किया, ताकि कोई समझ ना पाए. दूसरी भाषा की जानकारी से सभी ने इंकार किया है, जबकि घटना के बाद गांव पहुंचे कई नेताओं ने ग्रामीणों को हिंदी और नागपुरी भाषा का ही प्रयोग कर समझाया, जिसपर ग्रामीणों ने भी स्पष्ट रूप से उनके सवालों का नागपुरी और हिंदी में जवाब दिया.



अंधविश्वास में हुई सभी की हत्या
हत्याकांड के बाद पुलिस गिरफ्त में आए 8 आरोपियों में सभी बुरुहातू आमटोली के ही रहने वाले हैं. गुमला एसपी हरदीप पी जनार्दनन के अनुसार आरोपियों के बयान में यह साफ हो गया कि गांव के लोगों के बीच अंधविश्वास व्याप्त था, मृतक निकोदिन तोपनो और उसकी पत्नी जोस्फीना द्वारा जादू टोना करने के कारण गांव में घटना हो रही है, इसी शक में उनकी हत्या की गई, जिसके बाद उनके बेटे भीमसेन्ट तोपनो बहु सिलवंती तोपनो और पोता अल्बिन तोपनो की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई, कि ये जिंदा बचेंगे तो घटना की जानकारी पुलिस को दे देंगे.

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अशिक्षा बनी घटना की जड़
कामडारा प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर विरान पाहाड़ के ऊपर बसे बुरुहातु आमटोली गांव में शिक्षा का घोर अभाव है. ग्रामीणों के अनुसार यहां के बच्चे 5वीं कक्षा तक गांव के विद्यालय में किसी तरह पढ़ाई करते हैं, जिसके बाद या तो मवेशी चराने लगते हैं, या घर में ही अपना समय व्यतीत करते हैं.

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