गुमला: जिले के सिसई थाना अंतर्गत सिसकारी गांव में हुए बिहार के दो युवकों की हत्या मामले में छठे आरोपी सतनाम उरांव उर्फ मास्टर को सिसई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसके पास से 315 बोर के एक देसी पिस्तौल, एक जिंदा गोली और एक खोखा बरामद किया है. इस हत्याकांड में सभी आरोपी की गिरफ्तारी हो गई.
जानकारी देते थाना प्रभारी
सिसई थाना प्रभारी एसएन मंडल बताया कि झांगुड़ ग्रुप का सक्रिय सदस्य सतनाम उरांव उर्फ मास्टर को उसके ही गांव से गिरफ्तार किया गया है, उसने अपने साथी श्यामलाल उरांव, संदीप उरांव, सुरेंद्र उरांव, सावना बारला, पवन उरांव, अजय खड़िया और अजय खड़िया के एक दोस्त से मिलकर दो कपड़ा बेचने वाले रंजीत कुमार साह और रंजीत साहू (बिहार निवासी) की नगर कुसुम टोली अखाड़ा के पास से अपहरण कर उसे उसके ही मोटरसाइकिल और संदीप उरांव के मोटरसाइकिल पर बैठाकर सिसकारी पहाड़ ले गए, जहां उनकी गला रेत कर हत्या कर दी. हत्या के बाद सभी आरोपी मोटरसाइकिल लेकर वहां से चल फरार हो गए. आरोपियों ने मोटरसाइकिल को सिसकारी डांड़टोली के पश्चिम टंगरा वाले मड़ुवा के खेत में छिपा दिया.
भुजाली और मोटरसाइकिल बरामद
घटना के बाद से सिसई पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी अभियान चलाते हुए पहले ही 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. उनके निशानदेही पर गांव में ही पहाड़ के पास से छठे आरोपी सतनाम उरांव को पकड़ा गया, जिसके पास से 315 बोर का एक देसी पिस्तौल, एक जिंदा गोली और एक खोखा बरामद हुआ. पूछताछ में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कपड़ा व्यापारियों की गला रेत कर हत्या करने का अपराध स्वीकार किया. उसने पुलिस को बताया कि जिस भुजाली से दोनों की हत्या की गई थी, उसपर घास और मिट्टी रगड़ कर पहाड़ी के पास से फेंक दिया गया, सुरेंद्र उरांव के घर के पीछे टंगरा में झाड़ियों के पास मोटरसाइकिल का छुपा दिया. पुलिस ने हत्या में उपयोग किए गए भुजाली और दो मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया है. तीसरा मोटरसाइकिल और एलईडी टीवी अजय खड़िया लेकर भाग गया.
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दोहरे हत्याकांड के अलावा सतनाम उरांव के पर 2019 में ईंटा भट्टा के मैनेजर से 48 हजार रुपये और मोटरसाइकिल छीनतई का मामला भी दर्ज है, साथ ही उसके उपर अपने साथियों के साथ मिलकर हथियार का भय दिखाकर 50 हजार की रंगदारी मांगने, सिसकारी बाजार में व्यापारियों से रंगदारी का पैसा लेने का भी आरोप है. जुलाई 2019 में डायन बिसाही के शक में चार लोगों की सिसकारी गांव में हुई हत्या में भी वह अपने साथियों के साथ शामिल था. अभियान में मुख्य रूप से थानेदार एसएन मंडल, प्रशिक्षु दारोगा संदीप राज, धनंजय कुमार, इंद्रजीत कुमार, करंज थाना का सेट टीम और सिसई थाना के सशस्त्र बल शामिल थे.