गुमला : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण की गई लॉकडाउन और शहर में धारा 144 लागू होने की वजह से भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के आह्वान पर जिले के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों में पांच घंटे का सांकेतिक भूख हडताड़ किया. रक्षा मंच के केंद्रीय सचिव ने बताया की सांकेतिक भूख हड़ताल की वजह झारखंड सरकार द्वारा विज्ञापन निकालकर अब तक झारखंड राज्य सूचना आयोग में खाली पड़े मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य के सूचना आयुक्तों की बहाली नहीं कर आयोग को पंगु बनाने के इस उदासीन रवैये का विरोध किया है.
RTI कार्यकर्ताओं ने किया सांकेतिक भूख हड़ताल, राज्य सरकार से सूचना आयुक्त की बहाली की मांग - आरटीआई कार्यकर्ताओं का भूख हड़ताल
भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के आवाहन पर जिले के रटीआई कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों में पांच घंटे का सांकेतिक भूख हडताड़ किया. इन्होंने राज्य सराकर से सूचना आयुक्त पदों को भरने की मांग की.
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भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच ने कहा कि जब सरकार को पता था कि झारखंड राज्य सूचना आयोग में 8 मई को एकल सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी अपने पद से स्वत सेवानिवृत हो रहे हैं और इसके बाद आयोग में सृजित एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त में से एक भी सूचना आयुक्त आयोग में नहीं रहेंगे तो प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार सूचना आयुक्तों की बहाली सरकार को करनी चाहिए. जो जान-बूझकर नहीं किया गया और ना ही इसके लिए कोई राज्य स्तरीय कमिटी ही अब तक बनी है.
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भूख हडताल में गुमला से अरूण कुमार, प्रकाश साहू, आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप कुमार साहू, घाघरा के समाजसेवी अरविंद कुमार लाल, बसिया के समाजसेवी संदीप दास सहित दर्जनों लोगों ने लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए अपने-अपने घरों में पांच घंटे का सांकेतिक भूख हडताल रखकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाया.