गुमला: कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने कई लोगों के चेहरे को बदल कर रख दिया है. अब देखिए ना जिस पुलिस को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग घरों में दुबक जाते थे. अब उन्हें पुलिस को देखकर जरा भी डर नहीं लग रहा है. बल्कि अब लोग पुलिस को अपना मसीहा मानने लगे हैं. यह सब देखने को मिल रहा है गुमला जिले में. क्योंकि यहां कि पुलिस जहां दिन-रात लोगों की सुरक्षा के लिए शहर से लेकर सुदूर इलाकों में अपनी ड्यूटी कर रही हैं. तो वहीं वैश्विक महामारी के इस दौर में कई गांव में जाकर अपने पैसे से लोगों को भोजन भी करा रहे हैं.
गुमला पुलिस लाइन की कैंटीन में सुबह से ही 4-5 पुलिसकर्मी खाना बनाने में जुड़ जाते हैं. जब खाना तैयार हो जाता है तो फिर उसे एक गाड़ी में भरकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निकल जाते हैं. हालांकि इससे पहले पुलिस के अधिकारी उन गांवों का चयन करते हैं. जिन गांव में इस वैश्विक महामारी के कारण लोगों के समक्ष भूख की समस्या उत्पन्न हुई हो. इसकी जानकारी के बाद पुलिस अधिकारी और जवान वहां गाड़ी के साथ पहुंचते हैं. फिर उसके बाद ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए भोजन बांटना शुरु कर देते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि एक समय था जब लोग पुलिस को देखते ही अपने घरों में दुबक जाते थे. लेकिन इस वक्त गुमला पुलिस जो मानव सेवा कर रही है. उस कारण हम गुमला पुलिस को हमेशा आशीर्वाद ही देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण अभी सभी काम धंधे बंद हो गए हैं. जिसके कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि बेरोजगारी के कारण अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी थी. इस बीच गुमला पुलिस उनके समक्ष फरिश्ता बनकर आई और उन लोगों को हर दिन भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.