गुमला: जिले के नगर भवन में कबाड़ महोत्सव का आयोजन किया गया है. इसका आयोजन गुमला नगर परिषद ने किया है. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. नगर भवन में चल रहे कबाड़ महोत्सव में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त मनोज जायसवाल भी पहुंचे. जहां प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि अपने जीवन काल में 'कबाड़ महोत्सव' पहली बार सुना है, लेकिन गुमला नगर परिषद के इस आयोजन में आने के बाद वे कह सकते हैं कि बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कबाड़ महोत्सव जैसे प्रयास आने वाले समय में बड़े कारगर होंगे.
गुमला में कबाड़ महोत्सव का आयोजन, प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा- पहली बार सुना इसका नाम
गुमला में कबाड़ महोत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर कई अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए. सभी ने इस आयोजन की खूब तारीफ की. साथ ही और भी शहरों में ऐसा आयोजन करने की सलाह दी.
बाकी शहरों में भी होना चाहिए कबाड़ महोत्सव का आयोजन: उन्होंने कहा कि गुमला से प्रेरणा लेकर रांची और अन्य बड़े शहरों में भी ऐसे आयोजन किये जाने चाहिए. इन कार्यक्रमों में झारखंड के बड़े संस्थानों जैसे एक्सएलआरआई, बीआईटी मेसरा, टीएमएल और टाटा जैसे संस्थानों को भी हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर आज पूरी दुनिया सोचने को विवश हो रही है, हम भी प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ के रीयूज और रीसायकल पर जल्दी सोचना शुरू करें, नहीं तो देर हो जाएगी.
'कार्यक्रम का आयोजन करने वाले बड़ी सोच रखते हैं': इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद गुमला के नजारत उप समाहर्ता सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस कबाड़ महोत्सव में छोटी बड़ी भूमिका निभाई है, वे सभी लोग बड़ी सोच रखते हैं. उन्होंने कहा कि हम जैसा सोचेंगे, वैसा बनेंगे. कबाड़ महोत्सव का आयोजन और उसमें भाग लेने वाले कलाकारों द्वारा किए गए सृजन उनकी सोच का ही फलाफल है.
इस मौके पर प्रशासक संजय कुमार ने सभी अतिथियों को कबाड़ से बने हुए प्रतीक चिंह भेंट किए. इस दौरान नगर प्रबंधक हेलाल अहमद, हिमांशु मिश्रा, मिशन प्रबंधक राहिल डुंगडुंग, सीआरपी, अरशद अली, रौनक पांडे, रवि मेहतो, मंजू पाठक, खुशी जेदिया, गीता देवी, रिंकी देवी, सरस्वती देवी, सोनी देवी, बैयजंती देवी, सोनाली त्रिपाठी आदि के अलावा बड़ी संख्या में महिलायें, कलाकार, पर्यावरण कार्यकर्ता और छात्र छात्राएं मौजूद थे.