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सदर अस्पताल में केक काटकर मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, नर्सों को किया गया सम्मानित - गुमला सदर अस्पताल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

गुमला में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर सदर अस्पताल परिसर में नर्सों ने केक काटा. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में कार्यरत नर्सों को सम्मानित किया. इस मौके पर डीसी शशि रंजन ने कहा कि कोरोना वायरस की इस महामारी के दौर में अभी सबसे फ्रंट लाइन में चिकित्साकर्मी ही हैं.

International Nurses Day celebrated by cutting cake at Sadar Hospital gumla
गुमला सदर अस्पताल में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

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Published : May 13, 2020, 10:08 AM IST

गुमला: हर साल 12 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर सदर अस्पताल परिसर में जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन और नर्सों ने मिलकर केक काटा जिसके बाद जिला प्रशासन ने सदर अस्पताल में कार्यरत नर्सों को सम्मानित किया. आपको बता दें की नाइटेंगल ऑफ फ्लोरेंस नाम की एक महिला ने क्रीमिया के युद्ध के दौरान कई महिलाओं को नर्स की ट्रेनिंग दी और उन्होंने आधुनिक नर्सिंग की नींव रखी. वह सभी युद्ध में घायल सैनिकों का इलाज करती थी. खुद नाइटेंगल ऑफ फ्लोरेंस रात के अंधेरे में लैंप लेकर घायल सैनिकों का इलाज करने के लिए अकेले जाती थी, इस वजह से उन्हें लेडी ऑफ लैंप के नाम से भी जाना जाता है.

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हालांकि गुमला प्रशासन ने रात में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाए जाने के पीछे की वजह वैश्विक महामारी कोरोना वायरस बताया. दरअसल, इस वक्त छत्तीसगढ़ होते हुए गुमला के रास्ते हर दिन कई राज्यों से प्रवासी मजदूर झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं. जिनकी जांच जिला प्रशासन और अस्पताल के कर्मी लगातार कर रहे हैं. इस वजह से दिनभर की भागदौड़ के बाद जब थोड़ी आराम मिला तो प्रशासन ने नर्सों को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर सम्मानित किया.

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गुमला जिला में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने से गुमला की नर्सों में भी काफी खुशी है. नर्सों ने कहा कि वह इस वक्त कोरोना वायरस की महामारी से पीड़ित लोगों की सेवा करने के लिए तैयार है. हालांकि गुमला अभी भी ग्रीन जोन में है यह अच्छी बात है. लेकिन वे किसी भी तरह अगर कोई मरीज आता है तो उनकी दिन रात सेवा करती हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें मौका मिला है मानव सेवा करने का जिसका वे भरपूर फायदा उठा रही हैं.

वहीं, इस मौके पर गुमला में प्रशिक्षु आईएएस अफसर मनीष कुमार ने अपने बचपन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उनकी मां बताती हैं जब उनका जन्म हुआ था उस वक्त काफी कॉम्प्लिकेशन्स थी. जन्म के बाद नर्सों ने उनकी सेवा की थी जिसकी वजह से वह आज इस दुनिया में हैं. उन्होंने कहा कि नर्स बहनें लगातार दिन-रात मानव सेवा में लगी रहती हैं जिनका हमें सम्मान हर हाल में करना चाहिए.

इस दौरान डीसी शशि रंजन ने कहा कि कोरोना वायरस की इस महामारी के दौर में अभी सबसे फ्रंटलाइन में चिकित्साकर्मी ही हैं. ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर नर्स बहनों का सम्मान करते हुए उन्हें यह एहसास दिलाना है कि इस महामारी के दौर में दिन-रात मरीजों की सेवा कर रही नर्सों के साथ हर कोई खड़ा है.

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